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Ranchi : JPSC की संसोधित नियमावली पर होगी सुनवाई, दाखिला याचिका पर 9 मार्च की तिथि तय

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रांची: 

जेपीएससी नियमावली को लेकर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा है। बता दें कि जेपीएससी की संशोधित नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर बुधवार (9 मार्च) को सुनवाई होगी। गौरतलब है कि मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन किसी वजह से इसे टाल दिया गया है। बता दें कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन औऱ जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में होगी। 

इस नियमावली से प्रभावित होंगी नियुक्तियां! 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पूरे मामले में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील पी पटवारिया झारखंड सरकार का पक्ष रख रहे हैं। बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में राज्य सरकार ने संसोधित नियमावली को छात्र हित में बताया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी। कहा था कि नियमावली असंवैधानिक है। कोर्ट ने ये भी टिप्पणी की थी कि यदि यही नियमावली रही तो आने वाली सभी बहालियां निश्चित रूप से प्रभावित होंगी। 

रमेश हांसदा ने संशोधित नियमावली को चुनौती दी
बता दें कि मामले में रमेश हांसदा ने याचिका दाखिल कर संशोधित नियमावली को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि नई नियमावली में राज्य के संस्थानों से ही 10वीं और 12वीं पास करना अनिवार्य किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ये संविधान की मूल भावना औऱ समानता के अधिकार का उल्लंघन है। कई अभ्यर्थी हैं जो झारखंड के मूल निवासी हैं लेकिन उन्होंने किसी दूसरे प्रदेश से पढ़ाई की है। उनको नियुक्ति से नहीं रोका जा सकता। 

याचिका में किन बातों पर सवाल खड़ा किया गया है
याचिका में ये भी कहा गया है कि नई नियमावली में संसोधन करके क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की श्रेणी से हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया गया है। उर्दू, बांग्ला और उड़िया को यथावत रखा गया है। याचिका में कहा गया है कि उर्दू को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करना राजनीतिक फैसला है। ये पार्टी विशेष को राजनीतिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया गया है।