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20 लाख लोगों को हेमंत सरकार 2027 तक देगी अबुआ आवास, आज तोरपा में 8 हजार को मिली पहली किस्त

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द फॉलोअप डेस्कः 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अबुआ आवास योजना के तहत स्वीकृति पत्र का वितरण करने खूंटी के तोरपा प्रखंड गये हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज यहां खूंटी जिला के तोरपा में एक ऐतिहासिक कदम की ओर झारखंड सरकार आगे बढ़ने जा रही है। आज सरकार का पहला एक ऐसा कदम है जहां  राज्य सरकार अपने दम पर अपने झारखंड के लोगों को मान, सम्मान और अधिकार के साथ जीवनयापने करे उस योजना का शुभारंभ होने जा रहा है। आज हमलोग यहां अबुआ आवास योजना के लाभुकों को आमंत्रण कर स्वीकृति पत्र प्रदान करने के लिए यहां बुलाए हैं। कई बार हमलोगों ने अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से आपको यह बताया है कि सरकार क्या-क्या काम कर रही है। आपको किस योजना का लाभ लेना है। आपके पंचायत में गांव में टोले में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर लगाया गया। गांव के लोगों के की तकलीफ सुनी गई। आवेदन लिए गये। आपके मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने लगातार प्रयास किया। हमलोगों ने देखा है झारखंड का हर एक कोना। हमारे लोग कैसे हैं सब हमको जानकारी है। वैस तो इस राज्य को लोग सोने का चिड़िया कहता है क्योंकि झारखंड में नाना प्रकार के खनिज संपदा है। अगिनत खनिज है। अकेले झारखंड में देश का 40 प्रतिशत खनिज है। लेकिन दुर्भाग्य है दुनिया को झारखंड के नीचे का चीज दिखता है लेकिन ऊपर की चीजें नहीं दिख रही है। 100 सालों में भी नहीं दिखा। 23 साल हो गये राज्य अलग हुए आज भी हमारे गांव देहात का हालत क्या है हमको बताने की जरूरत नहीं है। इसलिए हमने पूरी ताकत लगाई। दुर्भाग्य है कि राज्य अलग होने के बाद हमारी चिंता करने वाली ऐसी सरकार बन गई जो झारखंड बनने के घोर विरोधी थे। जो विरोधी थे क्या वह इस राज्य के बारे में सोचेंगे। तब हमने सोचा अगर हमारी सरकार नहीं बनी तो ये लोग राज्य बर्बाद कर देंगे। फिर गरीब होते चला जाएगा यह राज्य। जैसे आदिम जनजाति के लोग गिनती के बचे हैं वैसे ही झारखंड लोगों को हाथ में गिनने लगेंगे। तब हमने ताकत लगाकर 2019 में सत्ता में आए। लेकिन तब तक कोरोना आ गया। पूरा दुनिया का अर्थव्यवस्था खराब हो गया। 


सरकार को गरीब दिखते ही नहीं है
केंद्र सरकार ने महंगाई बढ़ा दी। पहले चावल गायब, दाल गायब, अब थाली भी गायब। ये लोग कहते है गरीब अब थोड़े ही मात्रा में बचे हैं। पता नहीं कौन लोग बताते हैं देश में गरीब खत्म हो गया। झारखंड का खनिज दिल्ली से बैठकर दिखता है। लेकिन यहां की गरीबी नहीं दिखती है। गरीबों की एक सूची बनाई थी हमलोगों ने। 8 लाख लोगों को चिन्हित किया था। जिनको आवास की जरूरत थी। जिसमें कुछ पैसा केंद्र देती थी, कुछ राज्य सरकार, पहले उसका नाम इंदिरा आवास था लेकिन अब उसका नाम प्रधानमंत्री आवास हो गया। ये लोग नाम बदलने में बहुत माहिर है। बनाता कोई है मुहर कोई और लगाता है। पहले कहते थे सबको हम आवास देंगे लेकिन जब हम 8 लाख लोगों की सूची लेकर गये तो मंत्री कहता है आपके यहां 8 लाख गरीब नहीं है। मात्र 4 लाख है। पहले तो गरीब नहीं दिखा। फिर 4 लाख दिखा। हमने 4 लाख के लिए पैसा मांगा तो कुछ दिन के बाद खबर आई कि झारखंड सरकार को अब आवास के नाम पर कोई पैसा नहीं मिलेगा। आज देश का सारा पैसा इक्टठा करने जिम्मा केंद्र सरकार ने ले रखा है। सब चीज में टैक्स लगता है। टैक्स सारा केंद्र सरकार के पास जा रहा है। पहले तो राज्य सरकार को भी मिलता था। आखिर हम गरीब को आवास देंगे अनाज देंगे पेंशन देंगे तो वो पैसा कहां से आएगा। हमारे राज्य के खनिज से पूरा देख जगमगाता है लेकिन यहां के लोग अंधकार में रहते हैं। बड़ा विचित्र स्थिति बन गया। कोरोना में 2 साल चला गया। लेकिन हमने हार नहीं मानी। एक-एक समस्या का समाधान कर रहे हैं। पहले बुजुर्ग के पेंशन के मसले को सुलझाया। 


20 लाख लोगों को 2027 तक देंगे आवास 
हमने निर्णय लिया है कि राज्य सरकार अपना आवास बनाएगी। पहले दो कमरे का आवास मिलता था। अब हम आपको तीन कमरे का और 2 लाख देने का काम करेंगे। पहले हमलोगों ने 8 लाख लोगों की संख्या गिनी थी लेकिन जब हमने शिविर लागाया तब हैरान रह गया। 8 लाख से अधिक गरीब है इस राज्य में। 30 लाख आवेदन आ गया। हमने सोचा इतना पैसा आएगा कहां से। 8 लाख लोगों के लिए हमने जी तोड़ मेहनत किया है। लेकिन यहां तो 30 लाख आवेदन आ गया। बहुत खोजबीन के बाद पता चला कि 20 लाख हमारे पास गरीब हैं। जिनको आवास की जरूरत है। 8 लाख की तैयारी हमने कर ली है। लेकिन 20 लाख लोगों के लिए क्या करे। यह सरकार तो आपने बनाया है। हमने जो भी वादा किया है वह हम पूरा करेंगे। 2027 तक 20 लाख गरीबों को आवास दे देंगे। आप सब लोग लाभुक हैं। अब आप आवास बनाना शुरू करिए लेकिन दलालों के चक्कर में मत पड़िए। स्वीकृत आवास की सूची किस पंचायत में कितना मिला है नाम, पता उस पंचायत के दीवारों में लिखा जाएगा। जैसे-जैसे आवास मिलेगा। सब कुछ आपके दीवार में लिखा रहेगा। आपका नंबर हम लेंगे और समय समय पर आपको सूचित करते रहेंगे। आपको पता चलता रहेगा। हमने 20 लाख लोगों को आवास देने का निर्णय लिया है। आज हमने लगभाग 8 हजार से अधिक लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ मिलने जा रहा है खूंटी सिमडेगा में। लगाभग 75 हजार आवास खूंटी और सिमडेगा में मिलेगा।

सरकार के पास रोजगार देने की समस्या बढ़ती जा रही है। अब राज्य सरकार के पास सरकारी नियुक्तियां निकल रही है। गैर सरकारी संस्थानों में 75 प्रतिशत लोग हमारे स्थानीय होंगे। 50 हजार से अधिक बच्चों को नियुक्ति दी है हमने। स्वरोजगार के लिए भी हमने मुख्यमंत्री रोजगार योजना चला रहे हैं। आप आवेदन करिए सरकार आपको पैसा देगी। हमारे पूर्व की सरकार आदिवासी विरोधी सरकार थी। चुनाव भी आ रहा है। विकास के नाम पर आपको कोई कुछ नहीं बताएगा। हम बताएंगे कि इन चार सालों के अंदर हमने क्या कुछ दिया।