रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। प्रस्ताव पर शीघ्र मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की स्वीकृति के उपरांत राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड, राँची के संकल्प सं०-185 (13) दिनांक-31.07.2023 द्वारा राज्य के कार्यरत, सेवानिवृत्त कर्मियों , पदाधिकारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है, पूर्व में कुछ त्रुटियां रहने के कारण योजना का लाभ राज्य कर्मियों को नहीं मिल पा रहा था, अब स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इन सभी त्रुटियों का पूर्ण निराकरण कर लिया गया है। शीघ्र यह योजना झारखंड में लागू कर दी जाएगी।
इन्हें मिलेगा लाभ
उक्त योजना अंतर्गत राज्य विधान सभा के वर्तमान सदस्य, राज्य की सभी सेवाओं के कर्मियों, सेवानिवृत कर्मियों तथा उनके परिवार के उनपर आश्रित सदस्यों, जिनमें उनके पति,पत्नी,पुत्र,वैध दत्तक पुत्र (25 वर्ष की आयु तक बशर्ते बेरोजगार हो), पुत्री (अविवाहित,विधवा, परित्यक्ता पुत्री) नाबालिग भाई एवं अविवाहित बहन एवं आश्रित माता-पिता (प्रतिमाह 9000/- और उस पर तत्समय अनुमान्य महंगाई राहत से कम पेंशन प्राप्त करने वाले) सम्मिलित होंगे, को सम्मिलित रूप से 05 (पाँच) लाख रूपये प्रतिवर्ष की अधिसीमा के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा। राज्य कर्मियों, सेवानिवृत कर्मियों के दिव्यांग आश्रितों को आजीवन स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्रदान किया जाएगा।
गंभीर बीमारियों के मामलों में 10 लाख रूपये तक हेल्थ कवरेज मिलेगा
राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत लाभूकों एवं उनके आश्रितों को एक परिवारिक ईकाई मानते हुए प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जायेगा। चिन्हित गंभीर बीमारी, जो Annexure "A" के रूप में संलग्न है, के मामलें में चिकित्सा प्रदान करने वाले सम्बंधित अस्पताल की अनुशंसा पर 50 करोड़ रूपये के संधारित कॉरपोरेट बफर (Corporate Buffer) में से ऐसी गंभीर बीमारियों की चिकित्सा पर 05 लाख रूपये तक की अतिरिक्त अधिसीमा अर्थात कुल 10 लाख रूपये की अधिसीमा तक की चिकित्सा पर हुये व्यय का वहन किया जाएगा। झारखण्ड स्टेट आरोग्य सोसाईटी के स्तर पर किसी बीमित कर्मी के बीमा राशि से अधिक राशि का चिकित्सा व्यय होने की स्थिति में अतिरिक्त चिकित्सा व्यय वहन हेतु एक कॉरपस फण्ड (Corpus Fund) संधारित किया जायेगा, जिससे ऐसे मामलों में भुगतान किया जा सकेगा।