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विधायक खरीदो-मंत्री खरीदो, ED-CBI का छापा पड़वाओ, जेल भेजो और सरकार बनाओ; विपक्ष के पास यही काम रह गयाः हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्कः
आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत गुमला में कार्यक्रम करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम इतना काम करते हैं । इसके साथ साथ विपक्ष का षडयंत्र भी चलता है। जितना आपलोग के लिए काम करते हैं उतना ही हमको काटने के लिए दौड़ता है। ये तो आपका आशीर्वाद था कि मैं आपलोगों के सामने खड़ा हूं। हमारी योजनाओं का लाभ कैसे आपतक नहीं पहुंचे उसका दिन रात ये लोग कोशिश करता है। अभी मंईयां योजना के जरिए 50 लाख लोगों के खाते में पैसा चला गया और ये लोग कोर्ट में जाकर केस कर दिया है। इधर का ही कोई आदमी है। ये लोग भाजपा का लोग है। हम यहां के नौजवानों को नौकरी देने के लिए 1932 आधारित नियोजन नीति बनाते है ये बेईमान लोग कोर्ट चला जाता है। और असंवैधानिक बता देता है। और यही कानून इनके राज्य में बनता है तो वहां संवैधानिक हो जाता है। 


ये लोग बड़े-बड़े ऊंचे-ऊंचे पदों पर बैठकर सदियों से पूरे देश में आदिवासी-पिछड़ों का शोषण किया है। अब जब हम मंत्री बन रहे हैं मुख्यमंत्री बन रहे है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। हमको चार साल से चैन से बैठने नहीं दिया। दो साल तो कोरोना से नहीं बैठ पाए और अब बचा हुआ समय में इनलोगों ने हमें परेशान कर दिया। इतना दिन रात हम काम करते हैं लेकिन इनको काम नहीं दिखता है। उत्पाद सिपाही की दौड़ में कुछ नौजवानों की मौत हो गई है। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश सामने आ रही है। हमने जांच का आदेश दे दिया है। कोरोना काल में झारखँड के लोगों को जो इंजेक्शन लगा है वो गलत इंजेक्शन लगा है। हल्का फुल्का सर्दी खांसी में लोगों की जान जा रही है। फर्जी दवा दिया गया है। फर्जी दवा बनाने वाले कंपनी से अरबों अरबों रुपया चंदा वसूल लिया। पैसा वसूलने के लिए कौन सा दवा हमलोगों को लगा दिया है पता नहीं। हमको तो कोरोना हुआ भी नहीं इसके बाद भी इंजेक्शन लगा दिया। उत्पाद सिपाही की दौड़ में जिन बच्चों का देहांत हो रहा है उनको कोरोना का इंजेक्शन लगाया था उसी का प्रभाव पड़ा है। 


अब इनके पास कुछ बोलने के लिए नहीं रहा तो ये लोग छत्तीसगढ़ से, असम से, मध्यप्रदेश से नेता बुलाता है। और हिंदू मुस्लिम का जहर घोलता है। हर दूसरे दिन आप सुनेंगे कि फलना जगह का नेता आया और कुछ घोषणा करके गया। अखबार, टीवी वाले लोग भी इनका खबर छापता है। हमलोग अखबार टीवी वालों के भरोसे नहीं चलते हैं। हमलोग नियुक्तियां कर रहे हैं वो इनको नहीं दिखता है। जनता इनको चुनती नहीं है फिर भी विधायक खरीदो, मंत्री खरीदों, ईडी सीबीआई से धमकी दिलवाओ। छापा पड़वाओं जेल भेजो और सरकार बनाओ। अब इनके पास आम जनता का समर्थन नहीं है। इस लोकतंत्र में सरकार आप चुनते हैं। लेकिन इनको आपसे मतलब नहीं। अगर आपने किसी और को सरकार बनाया तो ये सरकार को ही खरीद लेते हैं। हमारे पीछे भी दो साल से पड़ा हुआ है। हमारे विधायकों के पीछे पड़ा है। लेकिन हमलोग पैसे पर नहीं बिकते।