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भीख में नहीं, लड़कर मिला है झारखंड; आगे भी आपके अधिकार के लिए लड़ते रहेंगेः सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड सरकार के आज चार साल पूरे हो गये। इस उपलक्ष्य में रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। चार साल का सफर चुनौती भरा रहा है। सरकार ने ऐसी चुनौती देखी है जो दुनिया में पहली बार आया। पहले कोरोना फिर सुखाड़ा। दो साल हम उसी से लड़ते रहे। कोरोना काल में समय कितना भयावह था आपको याद होगा। सबकुछ बंद था। ऐसी आपदाएं गरीबों के लिए एक अभिशाप के बराबर होता है। झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। देश का सबसे गरीब राज्य है। जहां सबसे अधिक किसान,मजदूर रहता है। ऐसे राज्य के लिए ऐसी आपदाएं अभिशाप है। 


लड़कर लिया है झारखंड 
मजदूर एक दिन मजदूरी ना करे तो घर का चूल्हा नहीं जलता। ऐसी स्थिति में राज्य के गरीब लोगों के लिए घर पर रहना भी मौत के बराबर है और बाहर जाना भी। पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में थी। कई राज्य में तो लोग जानवर की तरह मर रहे थे। मृत परिजन के लोग अपने लोगों के शवों को नदी के किनारे छोड़कर भाग जाते थे। लेकिन हमारी सरकार ने उस स्थिति में भी हमने अफरा तफरी नहीं होने दिया। हमारी कोविड प्रबंधन को देश में अलग पहचान मिला। झारखंड से हमने पूरे देश में ऑक्सीजन सप्लाई किया। वो इसलिए हुआ क्योंकि सरकार का पूरा तंत्र जनता पर नजर रखे थी। पदाधिकारी सोते नहीं थे। मिनट-मिनट हमलोग सब जानकारी लेते थे। गरीबों को तो हमलोग बचा लिया। लेकिन हमारे दो मंत्री शहीद हो गये। दोनों जनता के बीच जाते थे। लाख मना करने के बावजूद भी। टाईगर जगरनाथ महतो को एक बार हमने मौत के मुंह से निकाल लिया था लेकिन फिर से वह जनता के बीच जाने लगे इसलिए उनकी जान चली गई। आज उनके सम्मान में उनकी पत्नी बेबी देवी को हमने मंत्री बनाया है। भीख में नहीं मिला है झारखंड। लड़कर मिला है। अनेक लोगों की शहादत हुई है। हजारों वीरों की कहानी आप सुनेंगे। दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अगुवाई में इस राज्य के मूलवासी के अधिकार कैसे सुरक्षित रहे। इसके लिए ये लोग लड़ते रहे। तब जाकर 2000 में हमें यह झारखंड मिला। 


हमने मजदूरों को हवाई जहाज पर बैठाया 
दुर्भाग्य है कि इस नवजात झारखंड को जिन लोगों को जिम्मा मिला उन लोगों ने इस राज्य को ऐसा बना दिया कि लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर मरने लगा। हम विपक्ष में थे सहानुभूती के अलावा हम कुछ नहीं कर पाए। डबल इंजन ने दोनों हाथों से मिलकर राज्य का सत्यानाश कर दिया। आज ही दिन हमलोगों ने इस राज्य की तकदीर बदलने के लिए आज हम इस सरकार में हैं। आप मुख्यमंत्री बनाते हैं। मैं तो साधन मात्र हूं जो आपका दरवाजा खटखटाकर आपको सुविधा देगी। इस बार 35 दिन का शिविर लगा। लाखों करोड़ो समस्या गांव में था। तब पता चला कि सरकार क्या किया इताना साल। लोग लाखों की संख्या में पलायन करते हैं। लेकिन जब आपदा आती है तो उनके ऊपर मौत मंडराने लगता है। कोरोना में कितने मजदूर सात समुंदर पार फंसे थे। सबकुछ बंद था। लोगों ने जैसे-जैसे वहां से चलना शुरू कर दिया। अंत में हमने एक मजबूत निर्णय लेते हुए आपके घर में हवाई जहाज से भेजा था। विपक्ष बोलता था कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में चढ़ाएंगे और हमने कर के दिखा दिया। ये खुद को किसानों का हितैशी बताते हैं। लेकिन किसान विरोधी कानून बनाते हैं।