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आदिवासियों को लोकतंत्र न सिखाए विपक्ष, उनसे सीखे समानता और सह–अस्तित्व: हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में सियासी हलचल के बीच बुधवार को दो महान विभूतियों को याद करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने सोशली मीडिया पोस्ट के जरिए राजनीतिक विरोधियों पर उनकी कही बातें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा को याद करते हुए कहा कि आप लोग आदिवासियों को लोकतंत्र नहीं सिखा सकते, बल्कि आपको समानता और सह अस्तित्व उनसे ही सीखना होगा। जयपाल सिंह मुंडा हमेशा आदिवासी और शोषित समाज के हक- अधिकार के लिए लड़ते रहे। जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत झारखंड सरकार ने राज्य के वंचित वर्ग के 50 युवाओं को सरकारी खर्चे पर विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजा है। वहीं सावित्रीबाई फुले की बातों को याद करते हुए लिखा वो मुझपर पत्थर और कीचड़ फेंकते रहे, मैं गरीब, वंचित और शोषित बेटियों को पढ़ाती रही। सावित्रीबाई फुले के अथ संघर्ष को सम्मान देते हुए झारखंड सरकार ने राज्य की लाखों बेटियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ने का काम किया है।


किसी विधायक को बाहर जाने की अनुमति नहीं
इधर मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार शाम हुई सत्ताधारी विधायक दल की बैठक के बाद बाहर निकले सभी नेता एक स्वर से यह कहते दिखे कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं और आगे भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों- मंत्रियों को अगले कुछ दिनों तक राजधानी में ही रहने का निर्देश दिया गया है। किसी भी विधायक को अगर किसी अपरिहार्य कारणों से एक-दो दिन के लिए बाहर जाना भी हो तो वह इसकी सूचना अपने विधायक दल के नेता को जरूर दें। यह इस बात का संकेत है कि आनेवाले दिनों में झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज ही रहेगी। 


संघर्ष का रास्ता चुना सरकार ने 
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विधायकों के बीच यह भी संदेश देने की कोशिश की कि वह प्रवर्तन निदेशालय के समन या कार्रवाई से न झुके हैं और न टूटे हैं। बैठक में मौजूद विधायकों ने ऑफ द रिकॉर्ड इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में विधायकों से कहा कि आपका सहयोग मिलता रहा तो हम संघर्ष करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि या तो हम उनके सामने सरेंडर कर दें या फिर संघर्ष करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संघर्ष का मार्ग चुना है। सूत्र बताते हैं कि सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक में कल्पना सोरेन के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई।