द फॉलोअप डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की है। जीत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पूरे परिवार के साथ थे। उन्होंने अपने पिता शिबू सोरेन और मां रूपी सोरेन का आशीर्वाद लिया।
आपको बता दें कि झारखंड गठन के बाद पहले चुनाव का रिजल्ट आने के बाद हेमंत सोरेन ने राजनीति में अपने कदम पीछे कर लिए थे। इसमें दुमका सीट से निर्दलीय स्टीफन मरंडी ने हेमंत सोरेन को हरा दिया था। जिसके बाद वापस से वे अपने स्केचिंग में लग गए। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए रांची के मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सरकारी कोटे से एडमिशन लिया।
बड़े भाई के मौत के बाद दुबारा लौटे राजनीति में
22 मई 2009 को एक खबर आई जिसने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया था, वो खबर थी उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मृत्यु। आपको बताए की दुर्गा सोरेन की मृत्यु किडनी फेल होने के कारण हुई थी। उस समय दुर्गा सोरेन JMM के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्होंने अपने पिता शिबू सोरेन के साथ मिल कर JMM की कमान संभाल रखी थी। बढती उम्र और सेहत खराब रहने के कारण शिबू सोरेन ने सिर्फ केंद्र की राजनीति तक खुद को सीमित रखा था। जिसके बाद हेमंत सोरेन ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और फुल टाइम पॉलिटिक्स जॉइन की। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज झारखंड में इंतिहास को कायम करते हुए हेमंत सोरेन पहली बार सरकार रिपीट करने का रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही वे आदिवासियों के सबसे बड़े लीडर हो गए हैं।
2013 में पहली बार बने थे मुख्यमंत्री
हेमंत सोरेन ने पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर 13 जुलाई 2013 को शपथ ली थी। डेढ़ साल सरकार चलाने के बाद 23 दिसंबर 2014 को विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद इसके बाद उन्हें 5 साल राजनीति से दूरी बना ली थी।उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तारी के बाद 31 जनवरी 2024 को इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद 28 जून 2024 को जेल से निकलने के बाद उन्होंने 4 जुलाई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आज 28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन ने चौथे मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया। विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद हेमंत सोरेन चौदहवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के बने हैं।
स्केच आर्टिशट बनने विदेश जाना चाहते थे हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन का जन्म नेमरा के गाँव में 10 अगस्त 1975 को हुआ था। इनके जन्म के कुछ महीनों बाद ही पिता शिबू सोरेन ने सरेंडर कर दिया था। दरअसल,आदिवासियों के हक और सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाने की वजह से उनके ऊपर कई केस दर्ज हो गए थे। स्केचिंग में स्किल बढ़ाने के लिए हेमंत ने विदेश के कॉलेजों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी। एक-दो कॉलेजों को आइडेंटिफाई भी किया, लेकिन माता-पिता ने उन्हें कहा कि जो भी पढ़ना है, देश में रहकर पढ़ो।
एक नजर में कल्पना को पसंद किया था शिबू सोरेन ने
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत सोरेन की बड़ी बहन अंजली की शादी ओड़ीसा में हुई है। बेटी के ससुराल में शिबू सोरेन का एक शादी समारोह में आना तय हुआ। उनके साथ हेमंत और उनके बड़े बेटे दुर्गा भी थे। कैप्टन अम्पा मुर्मू परिवार सहित शादी में आए थे। वहां कल्पना को देखा और पहली नजर में ही शिबू सोरेन ने कल्पना को अपनी बहू के रूप में चुन लिया। हेमंत सोरेन और बाकी लोगों को भी लड़की पसंद आ गई। इसके बाद दोनों परिवार के बीच बात हुई और 7 फरवरी 2006 को कल्पना और हेमंत की शादी हो गई।