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हाईकोर्ट : हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी मामले में फैसला सुरक्षित, क्या कहा अदालत ने

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रांची 

झारखंड हाईकोर्ट में आज हेमंत सोरेन की गिरफ्तारो को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। पूर्व सीएम मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की बेंच में की गयी। ईडी की ओऱ से एडवोकेट एसवी राजू ने दलीलें पेश कीं। कहा कि याचिका को खारिज किया जाना चाहिये। क्योंकि ईडी के पास हेमंत सोरेन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। कहा कि पूर्व सीएम ने भानु प्रताप प्रसाद की मदद से बड़गाई की 8.5 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। 

कहा कपिल सिब्बल ने 

वहीं पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वर्चुअली दलील पेश की। सिब्बल ने कहा कि जिस जमीन को ईडी ने अपने केस का आधार बनाया है, उसके आधार पर मामला शेड्यूल ऑफेंस का नहीं बनता है। कहा कि सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिग का आरोप भी बेबुनियाद है। कहा कि जमीन के रिकार्ड में छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया गया है, जो गलत है। हेमंत सोरेन ने उस जमीन के माध्यम से आर्थिक लाभ अर्जित की है, इसका कोई सबूत नहीं है। कोई आधार नहीं है, इसलिए उनकी गिरफ्तारी को निरस्त करना चाहिये।   

31 जनवरी को गिरफ्तार किये गये हेमंत 

बता दें कि हेमंत सोरेन को बीते 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से वह ईडी की रिमांड पर 13 दिन रहे। 13 दिन की पूछताछ के बाद उनको होटवार जेल भेज दिया गया। उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने की मांग भी कोर्ट से की थी। जिसके लिए उन्हें अनुमति दी  गई थी और वह शामिल भी हुई थे। इसके बाद उन्होंने 27 को भी बजट सत्र में शामिल होने के लिए अपील दायर की थी, लेकिन अब तक इस अपील को स्वीकृति नहीं दी गयी है। 

 

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