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सरकार और RMC को हाई कोर्ट का सख्त निर्देश- धुर्वा डैम, कांके डैम समेत अन्य जलस्रोतों के आसपास के अतिक्रमण को अविलंब हटायें

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द फॉलोअप डेस्कः
रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण और शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम (RMC) को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि धुर्वा डैम, कांके डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी समेत अन्य जलस्रोतों के आसपास अगर कोई अतिक्रमण है, तो उसे अविलंब हटायें। इन जलस्रोतों में सॉलिड एंड लिक्विड कचरा जाने से रोकने की भी समुचित व्यवस्था करें। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार और रांची नगर निगम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है। हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को करेगा।

नगर आयुक्त को हाजिर रहने का निर्देश
हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई में रांची के नगर आयुक्त को वर्चुअल रूप से कोर्ट के सामने हाजिर रहने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से एलसीएन शहदेव ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम क्षेत्र में आनेवाले जलस्रोतों के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए पहल की गयी है। इन जलस्रोतों में किसी तरह की गंदगी न जाये, इसे लेकर पम्फलेट बांटे गये हैं, विज्ञापन के जरिये लोगों को जागरूक भी किया गया है। बड़ा तालाब में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल वर्क 65 प्रतिशत पूरा हो चुका है और मैकेनिकल कार्य भी करीब 35 फीसदी पूरा हो चुका है। 

पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह का समय दिया था। कहा था कि राजधानी के कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी जैसे जलस्रोतों के अलावा बड़ा तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटायें। अतिक्रमण नहीं हटने पर कोर्ट ने कड़ा आदेश पारित करने की बात कही थी।

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