रांचीः
दुमका के अंकिता हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। सीजे डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में आज इस मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा सशरीर उपस्थित रहे। अदालत ने डीजीपी से अब तक हुई कार्रवाई को लेकर पूछताछ की है। कोर्ट ने परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का भी अदालत ने दिया है। खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जनहित याचिका (PIL) में तब्दील कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह घटना अमानवीय है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
एम्स में बर्न वार्ड है या नहीं
अदालत ने यह भी पूछा है कि देवघर एम्स में बर्न वार्ड नहीं है? क्या वहां ऐसी घटनाओं में घायल मरीजों के इलाज के लिए इंतजाम हैं? सरकार से इस मामले में कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला
दुमका की रहने वाली 12वीं की स्टूडेंट अंकिता को 23 अगस्त की तड़के शाहरुख नाम के युवक ने जिंदा जला दिया था। अंकिता के कमरे में शाहरुख खिड़की के रास्ते घुसा और पेट्रोल छिड़कर आग लगा दिया. इस वारदात के पांच दिन बाद रांची के रिम्स में अंकिता ने दम तोड़ दिया। अंकिता पर शाहरुख ने फोन पर बात करने का दबाव बनाया था. पुलिस ने आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है।