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इंडिया गठबंधन के नेताओं को गंगा मईया में डाल कर सर्विसिंग करना होगा, बहुत मैले हो गये हैंः हिमंता बिस्वा सरमा

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द फॉलोअप डेस्कः
आज झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा जरमुंडी में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जमकर हेमंत सोरेन की सरकार पर हमला बोला। उन्होंने झारखंड सरकार पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि ये सरकार घुसपैठिए का सरकार है। जामताड़ा में शुक्रवार को स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। साहिबगंज में स्कूल शुक्रवार को बंद होते हैं नमाज पढ़न के लिए। स्कूल तो पूरी दुनिया में रविवार को बंद होते हैं। मैं हेमंत सोरेन से पूछना चाहता हूं कि अगर आप उनके लिए शुक्रवार को स्कूल बंद करते हैं तो हमें भी मंगलवार को हनुमान जी को पूजा करने के लिए स्कूल बंद करो। हमारा हिंदू एक नहीं है। झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कक्ष थे। तो हमारा विधायक भी विधानसभा में हनुमान चालिसा करेगा। झारखंड में कोई जगह में रामनवमी का जुलूस निकालने नहीं दिए जाते हैं। दुर्गा मां का विसर्जन करने नहीं दिया जाता है। बाबर ने भी कोशिश किया होगा। औरंगजेब ने भी कोशिश किया होगा रामनवमी का पूजा बंद करने का। 


लेकिन कभी भी हिंदू ने हमारा  धर्म अपनी संस्कृति को उनके हाथों में हवाला नहीं किया। हम वही काम करते रहे जो हमें करने का इजाजत था। हेमंत सोरेन जी आप औरंगजेब से बड़ा नहीं है, बाबर से बड़ा नहीं है। ये आलमगीर आलम और इऱफान अंसारी औरंगजेब से बड़ा नहीं है। आपको गंगा मंईया में हम डाल देंगे लेकिन रामनवमी का जुलूस निकालते रहेगा। बहुत ज्यादा मैला हो गया है गंगा मईया में एक बार सबको सर्विसिंग करने की जरूरत है। देवेंद्र जी को वोट दीजिए। सीधा सर्विसिंग कर दीजिए इन लोगों का। हम बंटजाते हैं लेकिन ये लोग एक ही जगह पर वोट करते हैं। हमें अगर सेफ रहना है तो हमें एक रहना होगा। 


उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड का भविष्य के लिए आने वाला समय बहुत ही अहम है। आपलोगों को मालूम है हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 25 साल पहले बनाए थे। लेकिन आज जो ये प्रदेश है जैसे बाजपेयी ने सोचा था उससे हम अलग थलग है। कल मैं राजमहल में था। साहिबगंज जिला में था। मैं साफ देख चुका हूं कि साहिबगंज जिला में और पाकुड़ जिला में हमारा हालत क्या हो चुका है। और धीरे धीरे पूरा संथाल परगना का महौल क्या बन रहा है और क्या बनने जा रहा है। आपलोगों को मालमू होना चाहिए 1951 में पूरे संथाल परगना में संथाल में कुल आबादी 23 लाख थी। इसमें 2 लाख 30 हजार आबादी मुसलमान की थी। 90 प्रतिशत आबादी हिंदू, आदिवासी होते थे। आदिवासी का आबादी 44 प्रतिशत होते थे। 


2011 की जनगणना आप देखे तो हिंदू की आबादी 90 प्रतिशत से घट गया। और आदिवासी का आबादी 44 प्रतिशत से घट के 28 प्रतिशत हो गये। और मुसलमान का आबादी 10 प्रतिशत से घट के 37 प्रतिशत हो गये। हिंदू 67 प्रतिशत है मुसलमान 37 प्रतिशत है। 20121 का जब जनगणना आएगा हिंदू और 5 प्रतिशत घटेंगे, आदिवासी घटेंगे लेकिन मुसलमान की संख्या बढ़ जाएगी। संथाल परगना में घुसपैठिए आना शुरू हुए। कोई राजनेता इसको समझने का कोशिश नहीं किया। ये घर का मुसलमान नहीं है ये घुसपैठिया है। पहले जेएमएम आदिवासियों मूलवासियों की पार्टी थी, धीरे-धीरे उनको समझ में आ गया कि मुसलमान घुसपैठियों का वोट ज्यादा है। य लोग वोट बांटते नहीं है। एक ही जगह में वोट डालते हैं। ये लोग रास्ता भी नहीं मांगते हैं, पानी भी नहीं मांगते हैं, कोई उद्योग भी नहीं मांगते हैं ये लोग अपना संरक्षण के लिए तीर धनुष में वोट डालते हैं, कांग्रेस में वोट डालते हैं। धीरे धीरे झामुमो घुसपैठिया का पार्टी बन गया है। 


थोड़ा दिन पहले जब झारखंड चुनाव का मेरे ऊपर जिम्मेदारी बढ़ा। तब पाकुड़ में कुछ गड़बड़ी हुआ। गो मांस काटकर तारा नगर इलाके में हिंदू के घर में डाल दिए जाते थे। तब मैंने सोचा कि मैं खुद पाकुड़ और गायबथान जाऊंगा। गायबथान गया तो आदिवासी लोगों को घुसपैठियों ने पीटा। संथाल परगना कानून होने के बावजूद आदिवासियों का जमीन घुसपैठियों ने हड़पा। लेकिन सरकार ने आदिवासी परिवारों का साथ नहीं दिया। उन्होंने घुसपैठियों का साथ दिया। पाकुड़ का आदिवासी छात्रावास में लड़कों ने प्रोटेस्ट किया कि हमारा जमीन हमको वापस किया तो पुलिस ने आकर लड़कों को पीटा। मैंने सोचा कि अगर आदिवासी मुख्यमंत्री है और आदिवासी बच्चों को पीटा जाएगा तो आपका मेरा क्या होगा।