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सीएम हेमंत से ED की पूछताछ के दौरान जमशेदपुर में लगी इस होर्डिंग की क्यों रही चर्चा, जानें

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द फॉलोअप डेस्क, जमशेदपुर:

शनिवार को जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जारी पूछताछ के बीच जमशेदपुर में लगी एक होर्डिंग ने लोगों का ध्यान खींचा। झारखंड युवा मोर्चा की तरफ से शहर के बीचों-बीच लगी इस होर्डिंग में सत्तापक्ष के कई नेताओं की तस्वीर के साथ उनपर लगे घोटालों के आरोपों का जिक्र किया गया है। संभवत यह बताने का प्रयास किया गया है कि केंद्रीय एजेंसियां इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। इस होर्डिंग में अजीत पवार, मुकुल रॉय, शुभेंदू अधिकारी और हिमंता बिस्वा सरमा सहित कई बड़े नेताओं की तस्वीरें लगी है। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई समर्थकों ने आरोप लगाया था कि विपक्षी नेताओं को केंद्र और बीजेपी सरकार परेशान करती है। झामुमो नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीजेपी जिन्हें भ्रष्ट बचाती है, पार्टी में शामिल कराने पर उन्हीं को पद देती है। 

जमशेदपुर में बीजेपी के कद्दावर नेताओं की तस्वीर क्यों! 
झारखंड युवा मोर्चा की तरफ से जमशेदपुर शहर में लगी होर्डिंग में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, टीएमसी से बीजेपी में आए मुकुल रॉय, शुभेंदू अधिकारी, छगन भुजबल, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, नारायण राणे, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर लगी है। अजीत पवार के साथ सिंचाई घोटाले का जिक्र किया गया है। हसन मुनीफ की तस्वीर के नीचे 100 करोड़ रुपये के घोटाले का जिक्र किया गया है। मुकुल रॉय और शुभेंदू अधिकारी को शारदा घोटाले का आरोपी बताया गया है। माइनिंग घोटाला केस का जिक्र करते हुए बीएस येदियुरप्पा की तस्वीर लगी है। जमीन घोटाला केस में नारायण राणे का नाम है। हिमंता बिस्वा सरमा के साथ वाटर घोटाला केस का जिक्र किया गया है। पेमा खांडू की तस्वीर के नीचे 2300 करोड़ रुपये का घोटाला लिखा गया है। दरअसल, जितने भी नेताओं की तस्वीर यहां लगी है, वो सभी कभी न कभी विपक्षी पार्टियों का हिस्सा थे और बाद में बीजेपी ज्वॉइन कर लिया।

 

राजनीतिक विद्वेष के तहत कार्रवाई का लगता रहा है आरोप
गौरतलब है कि झारखंड सहित अन्य गैर बीजेपी शासित राज्यों में क्षेत्रीय दलों या कांगेस पार्टी के नेताओं पर जारी केंद्रीय जांच एजेंसी मसलन ईडी, सीबीआई और आईटी की कार्रवाई को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि वह राजनीतिक विद्वेष की भावना से सियासी प्रतिद्वंदियों के खिलाफ कार्रवाई कराती है। आरोप यह भी लगते हैं कि विपक्षी पार्टियों में रहते हुए जिन नेताओं पर बीजेपी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाती थी, जब उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली तो उनके पड़े पदों पर सुशोभित किया गया। इनमें अजीत पवार, छगन भुजबल और हिमंता बिस्वा सरमा का नाम उल्लेखनीय है। अजीत पवार ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे थे लेकिन वह अभी महाराष्ट्र की एनडीए गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। हिमंता बिस्वा सरमा असम में कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते थे। गृहमंत्री ने खुद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन बाद में वह बीजेपी में आ गए और अभी प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर हैं। 

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन से पूछताछ हुई
विपक्षी पार्टियों के नेता यह भी तंज करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के पास शायद कोई स्पेशल वॉशिंग पाउडर या वॉशिंग मशीन है जिसमें धुलकर भ्रष्ट नेता भी साफ-सुथरी छवि का बन जाता है। बता दें कि शनिवार को जमीन घोटाला केस में ईडी ने मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन से तकरीबन 7 घंटे पूछताछ की। इस दौरान बाहर झामुमो समर्थकों का हुजूम जुटा रहा। इस दौरान समर्थक लगातर यह आरोप लगाते रहे कि राजनीतिक विद्वेष के तहत मुख्यमंत्री को निशाना बनाया जा रहा है।