logo

हूल दिवस आदिवासियों की शौर्य गाथा और बलिदान की याद दिलाता है: मंत्री मिथिलेश 

m_thakur.jpg

गढ़वा
हूल दिवस के मौके पर गढ़वा विधायक व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने गढ़वा के कल्याणपुर स्थित आवास पर सिदो कान्हो की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें शत शत नमन किया। मौके पर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। ठाकुर ने कहा कि 30 जून 1855 को नई क्रांति की शुरूआत हुई थी। हजारों लोग एक सूत्र में बंधे थे और अंग्रेजों को भगाने की योजना बनी थी। इसलिए पूरे देश में 30 जून को हूल दिवस मनाया जाता है। इस दिन आदिवासियों की शौर्य गाथा और बलिदान को याद किया जाता है। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 30 जून को प्रति वर्ष हूल दिवस मनाकर इन महान क्रांतिकारियों को नमन किया जाता है। मंत्री ने कहा कि 30 जून 1855 को मौजूदा साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव में वीर सिदो कान्हो, चांद भैरव के नेतृत्व में 400 गांव के समागम में 50 हजार लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत से जंग का ऐलान किया था। 


अलग-अलग स्थान में दी गयी फांसी 
कहा, इसके साथ ही मालगुजारी नहीं देने और अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो का जोर से ऐलान किया गया था। अंग्रेजों के आधुनिक हथियारों के सामने सिदो कान्हो की तीर कमान वाली सेना टिक नहीं पाई। सिदो को अगस्त 1855 में पड़कर पंचकठिया नामक स्थान पर बरगद के पेड़ पर फांसी दे दी गई। कान्हो को भोगनाडीह गांव में फांसी दी गई थी। हूल दिवस पर सभी अमर बलिदानियों को नमन है। 


मौके पर ये लोग मौजूद थे 
मंत्री ठाकुर ने शहीदों को नमन करते हुए राज्ये वासियों से उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने ने कहा कि उन नायकों का पवित्र स्मरण आज भी हम सबों का मार्गदर्शन करता है। मौके पर मुख्य रूप से झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे, जिला अध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, जिप अध्यक्ष शांति देवी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष छोटू सिंह खरवार, शरीफ अंसारी, फुजैल अहमद, दिलीप गुप्ता, महिला मोर्चा अध्यक्ष रेखा चौबे, सचिव चंदा देवी, अराधना सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।


 

Tags - Mithilesh ThakurHul DiwasJharkhand Newsminister