द फॉलोअप डेस्क
चक्रधरपुर से झामुमो विधायक सुखराम उरांव को पहली बार बुधवार को विधानसभा में जल संसाधन विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा में शामिल होने का मौका मिला। सुखराम उरांव ने जल संसाधन विभाग की अनुदान मांगों पर कुछ विशेष कहने की बजाय बहुत कुछ कह गए। रोचक ढंग से कई ऐसे जानकारी दी, जिसका सदन में बैठे विधायकों ने भी मजा लिया। सुखराम ने बताया कि वह तीसरी बार विधायक बने हैं। लेकिन दिलचस्प यह है कि तीन टर्म में उन्हें पहली बार सदन में आज बोलने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र की कुछ खासियत भी रही है। यहां से कोई भी लगातार लगातार चुनाव नहीं जीता। तीन बार कोई विधायक भी नहीं बना। लेकिन वह पहले व्यक्तित हैं जो तीसरी बार विधायक बने।
चक्रधरपुर अंडा का आकार का एक छोटा व अनूठा शहर
सुखराम उरांव ने बताया कि चक्रधरपुर अंडा के आकार का एक छोटा शहर है। अजूबा शहर है। एक ऐसा शहर है जहां मनोहरपुर सहित तीन तीन विधानसभा क्षेत्रों के विधायक यहीं रहते हैं। सांसद जोबा मांझी यहीं रहती है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के सभी दलों के अध्यक्ष भी चक्रधरपुर में ही रहते हैं। सुबह घूमिएगा तो अयोध्या-काशी की तरह मंदिरों में घंटे बजते मिलेंगे। दोपहर में जाइएगा तो गाली-गलौज और झंझट होते दृश्य मिलेंगे। शाम होगी तो लगेगा बॉर्डर पर आ गए। गोली चलते मिल जाएगी। चक्रधरपुर से पूरा कोल्हान संचालित होता है। इस अजूबे शहर में राजनीति और सामाजिक काम करना बहुत कठिन है। हजारीबाग और जमशेदपुर के बाद सबसे अधिक तनाव की स्थिति यहीं बनती है।
कल्पना मैडम देवी है
सुखराम उरांव ने कहा कि वह बोलते बोलते थोड़ा बहक जाते हैं। हालांकि यह कहते हुए उन्होंने अपनी बात समाप्त भी कर दी कि उनकी तबीयत खराब है। उससे पहले उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन को अगर भाजपा वालों ने जेल नहीं भेजा होता तो हम लोग कल्पना मैडम को नहीं देख पाते। आज कल्पना मैडम एक देवी के रूप में है।
सबसे अधिक माइनिंग कोल्हान में पर उसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं
सुखराम उरांव ने कहा कि सबसे अधिक माइनिंग कोल्हान में होता है। लेकिन माइनिंग और लोडिंग-अनलोडिंग में मशीनों के उपयोग से उसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं हो रहा। बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण यही है।