द फॉलोअप डेस्क
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर सरना धर्म कोड के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि 2014 में कांग्रेस और झामुमो की संयुक्त यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन आदिवासी कल्याण मंत्री वी. किशोर चंद्र देव ने पत्रांक संख्या 16012/19/2013 (PC & V) के जरिए सरना धर्म कोड की मांग को अव्यवहारिक बताकर खारिज कर दिया था। आदिवासी कल्याण मंत्री किशोर चंद्र देव ने यह भी कहा था की ऐसी मांग को मानने से दूसरे धर्म से भी सैकड़ो मांग आ सकती है। इसीलिए इस मांग का विरोध है। प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा तो सरना धर्म कोड के मुद्दे पर पूरे तरीके से एक्सपोज हो गई।
प्रतुल ने कहा, “जब कांग्रेस और झामुमो केंद्र मे सत्ता में थे, तब उन्होंने इस मांग को अस्वीकार कर दिया और अब केंद्र में सत्ता से बाहर हैं, तो आंदोलन का दिखावा कर रहे हैं। जनता इनके इस नाटक को भली-भांति समझती है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और झामुमो ने आदिवासी समाज के साथ विश्वासघात किया है और आज उन्हीं मुद्दों पर आंदोलन की बात कर रहे हैं, जिन्हें उन्होंने खुद नकारा था।
भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि झामुमो और कांग्रेस को 2014 में सरना धर्म कोड को खारिज करने के लिए आदिवासी समाज से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस 50 वर्षों से ज्यादा समय तक देश में शासन की। झामुमो भी लंबे समय तक इनकी पिछलग्गू बनी रही। परंतु उन्होंने आदिवासी के हितों में कोई कार्य नहीं किया।उल्टे ही आदिवासी कल्याण मंत्री ने आधिकारिक रूप से सरना धर्म कोड को लिखित रूप से खारिज भी किया।अब झामुमो और कांग्रेस किस मुंह से आंदोलन की बात कर रहे है, ये समझ से परे है।
प्रेस वार्ता में रांची महानगर के मंत्री अजीत भगत, एसटी मोर्चा के महानगर महामंत्री अशोक मुंडा और महिला मोर्चा की मीडिया सह प्रभारी सोनी हेंब्रम भी उपस्थित थीं।