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गोड्डा : पंचायत ने सुनाई तालिबानी सजा, केस वापस नहीं लेने पर गांव से निकल जाने का फरमान सुनाया

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गोड्डा: 

पंचायत ने तालिबानी फैसला सुनाया। पंचों ने कहा कि महिला के बाल काट दो उसे गांव से बाहर निकाल दो। महिला ने पंचों की बात मानने से इंकार कर दिया था, इसलिए उसे ये सजा दी गई है। पंचों के फैसले के खिलाफ महिला थाने पहुंची और न्याय मांगा। मामला, गोड्डा जिला के नगर थानाक्षेत्र अंतर्गत बड़हरा का है। मामला काफी चर्चा में है।  मिली जानकारी के मुताबिक बड़हरा की रहने वाली खतीजा नाम की महिला ने अपने पति खुर्शीद पर गुजारा भत्ता केस दायर किया था।
महिला ने कहा कि खुर्शीद ने दूसरी शादी कर ली।

इसके बाद से खुर्शीद खतीजा को गुजारा भत्ता दे रहा था लेकिन गांव वाले दबाव बना रहे थे कि खतीजा, खुर्शीद के ऊपर किया गया गुजारा भत्ता का केस वापस ले। इसी को लेकर पंचायती हुई थी। 

केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे
पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि गांव वाले उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। पिछले दिनों पंचायत रखी गई जहां पंचायत ने भी यही फरमान सुनाया लेकिन खतीजा ने केस वापस लेने से मना कर दिया। पंचों ने खतीजा से कहा कि वो पंचायत में उपस्थित रहने को लेकर एक सिग्नेचर करे लेकिन खतीजा ने इंकार कर दिया। सिग्नेचर नहीं करने से नाराज पंचों ने फैसला सुनाया कि खतीजा ने बात नहीं मानी इसलिए उसे कट्टू (गांव निकाला) की सजा दी जाये।

 

खुर्शीद ने खतीजा से कोर्ट मैरिज किया था
बड़हरा की रहने वाली खतीजा ने बताया कि खुर्शीद ने उससे कोर्ट मैरिज की थी। शादी के महज 4 दन बाद ही गांव वालों की सहमति से खुर्शीद ने ललमटिया की मरियम से दूसरा निकाह कर लिया। खतीजा का कहना है कि मामले को 8 साल बीत चुके हैं। अब गांव वाले दबाव बना रहे हैं कि वो खुर्शीद से गुजारा भत्ता का केस वापस ले। गांव और पंचों की बात नहीं मानने पर उसे गांव से निकाल दिए जाने का फरमान सुना या दिया। गांव वालों के हिदायत दी गई है कोई खतीजा के घर ना जाये।