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शर्मनाक : मरीज को खटिया में लेटाकर अस्पताल पहुंचे परिजन, वहां डॉक्टर ही नहीं थे

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गुमलाः
राज्य में सड़क से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत कितनी खराब है यह बात किसी से छिपी नहीं है।  आज भी जब ग्रामीण इलाकों में कोई बीमार होता है तो उसे खटिया में टांगकर अस्पताल पहुंचाया जाता है और अस्पताल पहुंचने पर मालूम चलता है कि यहां तो डॉक्टर ही नहीं है। 

खाट पर लिटाकर पहुंचाया अस्पताल
ताजा मामला गुमला जिले का है।  जहां मरीज को खाट पर लिटाकर परिजन अस्पताल पहुंचे। मरीज आदिम बृजिया जनजाति की थी, जो लगभग विलुप्त होने की कगार पर है। मामला बिशुनपुर ब्लॉक का है। बिशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्था से लोग परेशान हैं। 

नर्स ने किया इलाज 
दरअसल रविवार देर शाम मनीषा बृजिया (14 वर्ष) को कुछ परेशानी हुई तो परिजन उसे लेकर  5 किलोमीटर दूर जंगल से  खाट पर लादकर बिशुनपुर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर ही नहीं थे। मनीषा का इलाज नर्स ने किया। इसी तरह एक और मरीज बाइक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गया था, उसे भी गंभीर हालत में बिशुनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, उस समय भी डॉक्टर नहीं थे। ड्रेसर नर्स के द्वारा इलाज किया गया। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने दो घंटे बाद नेतरहाट के डॉक्टर को फोन कर मामले की सूचना दी। जिसके बाद नेतरहाट के डॉक्टर बड़ाइक बिशुनपुर पहुंचे। यहां डॉक्टर के पहुंचने के बाद पेशेंट को गुमला सदर रेफर किया गया। 

डॉक्टर बरत रहे लापरवाही
बता दें कि सरकार बिशनपुर जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही है। इसके बावजूद चिकित्सकों की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र में कई लोगों की जान जा रही है। झारखंड की स्वास्थय व्यवस्था कितनी लचर है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे स्वास्थय व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी थी।