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#ChildMarriageFreeJharkhand : 5 साल में झारखंड में बाल विवाह के 34 केस, गढ़वा में सर्वाधिक 9 मामले सामने आए

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द फॉलोअप डेस्क:

आज देशभर में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया गया। झारखंड के भी विभिन्न थानों और सामाजिक संगठनों द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया गया। इस दौरान ट्विटर पर #ChildMarriageFreeJharkhand ट्रैंड करने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड में बाल विवाह की दर सर्वाधिक है। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में पिछले 5 साल में बाल विवाह के 34 मामले दर्ज किए गए हैं। यह काफी चिंताजनक बात है। अभियान के तहत थानों में पुलिसकर्मियों को यह शपथ दिलाई गई कि वे अपने थानाक्षेत्र में बाल विवाह को रोकने की दिशा में कड़े कदम उठाएंगे। वहीं, सामाजिक संगठनों ने अभिभावकों को शपथ दिलाई कि वे अपने नाबालिग बच्चों की शादी नहीं कराएंगे। यह कानूनन जुर्म भी है। 

रांची के गोंदा थाने में चलाया गया बाल विवाह मुक्त अभियान
सोमवार को रांची के गोंदा थाना में थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रवि ठाकुर की अध्यक्षता में बाल विवाह मुक्त अभियान चलाया गया। सभी पुलिसकर्मियों को यह शपथ दिलाई गई कि वे अपने-अपने क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त बनाएंगे। इसके लिए क्षेत्र के मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर का भी सहयोग लेंगे। बता दें कि रांची में सत्यार्थी फाउंडेशन और चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन (रांची) के सहयोग से अभियान चलाया गया। 

झारखंड में बाल विवाह को लेकर चिंताजनक हैं आंकड़े
गौरतलब है कि झारखंड में बाल विवाह को लेकर आंकड़े चिंताजनक है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच पिछले साढ़े 5 साल में बाल विवाह के 34 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 21 मामलों का निष्पादन किया गया है। 13 मामले लंबित हैं। इन साढ़े 5 वर्षों में बाल विवाह में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल 70 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वर्षवार आंकड़ा देखें तो झारखंड में वर्ष 2018 में 7, 2019 में 3, 2020 में 6, 2021 में 7, 2022 में 5 और 2023 में 6 केस रजिस्टर्ड हुए हैं।

 

बाल विवाह के मामले में गढ़वा की स्थिति सबसे चिंताजनक
जिलावार आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018 में दुमका और कोडरमा से सर्वाधिक 2 मामले सामने आए। 2019 में सरायकेला में 1, कोडरमा में 1 और रेल धनबाद में 1 मामला सामने आया। 2020 में गढ़वा में 5, गुमला में 1 मामला दर्ज हुआ। 2021 में गढ़वा में 3 मामला दर्ज हुआ, कोडरमा, गिरिडीह, पाकुड़ और गोड्डा में 1-1 केस दर्ज हुआ। 2022 में जमशेदपुर, गढ़वा, लातेहार, कोडरमा और धनबाद में 1-1 मामला दर्ज किया गया। 2023 में जनवरी से जून तक गिरिडीह में 2 और साहिबगंज में 4 केस दर्ज हुए। 

बाल विवाह में माता-पिता सहित यह लोग भी आरोपी
आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पता चलेगा कि बाल विवाह से गढ़वा में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक हैं। पिछले 5 साल में यहां बाल विवाह के 9 केस दर्ज किए गए हैं। जानने योग्य बात यह है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनिमय 2006 के तहत बाल विवाह में शामिल दुल्हा और दुल्हन के परिजन सहित उसमें शामिल होने वाले सभी लोग आरोपी होंगे। 2 वर्ष का कठोर कारावास और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।