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जंजीर से हाथ-पैर बांधकर बेटे को घर में रखता है बेबस पिता, सरकार से चाहता है मदद

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द फॉलोअप डेस्कः 
लातेहार जिला के चेटुआग गांव में एक पिता इतना बेबस है कि वह अपने बेटे को चाहकर भी जंजीरों से मुक्त नहीं कर सकता। बेटा चीखता है, चिल्लाता है। जंजीरों में जकड़े रहते-रहते उसके हाथ पैर में जख्म हो गये हैं। जख्मों से खून निकलता है। यह देखकर पिता के आंखों से आंसू बहते हैं लेकिन वह अपने बेटे को इस जंजीर से रिहाई नहीं दे सकता। मामला चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत स्थित चेटुआग का है। जिस बच्चे को जंजीर में बांधकर रखा गया है उसके पिता का नाम है मकनू गंझू। 


घर की माली हालत खराब 
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर इस बाबत एक खबर छपी है। जिसमें बताया गया है कि मकनू का बेटा बिजेंद्र मानसिक रूप से बीमार है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बिजेंद्र गांव में मारपीट और हंगामा करते रहता है। इस कारण पिता ने जंजीर में जकड़ कर रख दिया है। एक साल पहले तक बिजेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक थी। मकनू लकड़ी बेचकर जीवन गुजारता है। पुत्र के इलाज के लिए जितना हो सका उसने किया। अब वह इलाज कराने में सक्षम नहीं है। घर की माली हालत खराब है। 


पहले काम करता था बिजेंद्र 
पिता बताते हैं कि उनका बेटा पहले अच्छा ड्राइवर था। पैसा भी अच्छा कमाता था। उसकी शादी की भी बात चल रही थी। इसके लिए माता-पिता ने उसे बाहर से घर बुलाया था। इसी बीच उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई। दिमागी हालत बिगड़ने के बाद माता-पिता ने उसका इलाज कराया। लेकिन कुछ सुधार नहीं हो सका। लगभग आठ-नौ माह से उसके हाथ-पैर में जंजीर लगा दिया गया है। माता-पिता सरकार से मदद से चाहते हैं।