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झारखंड : कृषि विधेयक को लेकर खाद्यान्न व्यापार का अनिश्चितकाल बंद शुरू, राज्य भर में दिखा असर

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बैनर तले राज्य भर में बुधवार से खाद्यान्न व्यापार का अनिश्चितकाल बंद शुरू हो गया है। झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के खिलाफ इस बंद का असर राज्य भर में नजर आया। राइस मिल्स, फ्लावर मिल्स सहित अन्य खाद्य संबंधित मैनुफैक्चरिंग प्लांट में भी सेल बंद रहा। शुल्क के विरोध में जारी इस आंदोलन में फल एवं सब्जी के थोक विक्रेताओं का भी भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ और दुकानें बंद रहीं। आलू प्याज थोक विक्रेता संघ, रांची की देखरेख में पूरे झारखंड में आलू-प्याज की थोक मंडियां भी बंद रहीं। अनिश्चितकाल बंद के तहत रांची के पंडरा स्थित कृषि बाजार समिति की भी करीब 800 दुकानें बंद रही। आम लोगों को परेशानी हुई साथ इस इस बंद का खामियाजा लगभग 1500 दैनिक मजूदरों को उठाना पड़ा।

कृषि मंत्री के बयान को चैंबर ने किया खारिज
बाजार शुल्क को लेकर कृषि मंत्री के बयान का चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने खंडन करते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है। कृषि मंत्री द्वारा जिस टैक्स की बात कही जा रही है यह पूर्णतः राज्य सरकार के अधीन है। इस टैक्स को लगाने के लिए केंद्र सरकार की बाध्यता की कृषि मंत्री के बयान को फेडरेशन चैंबर सिरे से खारिज करता है। शुल्क को शून्य रखने का प्रावधान इस विधेयक में है किंतु इस बयान में कृषि मंत्री तथ्यों को छुपा रहे हैं। हमने भी केंद्र के नियमों का अध्ययन किया है जहां स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा टैक्स लगाने की कोई बाध्यता नहीं है। कुछ अधिकारियों के कहने से इस शुल्क को लेकर कृषि मंत्री द्वारा केंद्र सरकार के प्रति ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रति भी भ्रामक स्थिति उत्पन्न की जा रही है जो राज्यहित में नहीं है।

ऑनलाइन समीक्षा बैठक हुई
झारखंड चैंबर द्वारा पूरे राज्य में की गई बंद की समीक्षा के लिए सभी जिला चेंबर, खाद्यान्न व्यवसायी संघ और फूड प्रोसेसिंग संचालकों के साथ ऑनलाइन समीक्षात्मक बैठक की गई। जिसमें आगे की रणनीतियों पर वार्ता हुई। रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि खाद्यान्न व्यापारियों की एकजुटता से केवल एक दिन का व्यवसाय बंद रहने से सरकार को भी करोड़ों रुपए राजस्व की हानि हुई है। सरकार से आग्रह है कि सरकार व्यापारियों की मनःस्थिति को समझे और अविलंब कृषि शुल्क संबंधित विधेयक को वापस ले।

कानून वापस लिए जाने तक होगा आंदोलन
विधेयक के विरोध में जगह जगह व्यापारियों ने रैली निकाली। प्रदर्शन किया। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने बताया कि हम चाहते हैं कि सरकार इस पर वार्ता कर कोई समाधान निकाले। लेकिन इस मामले में सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। जबकि, हम राज्यपाल से भी इस संबंध में मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक इस कानून को वापस नहीं ले लिया जाता हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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