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CNT एक्ट पर जल्दीबाजी में लाया गया संशोधन प्रस्ताव मंजूर नहीं- BJP

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रांची:

बीजेपी नेता डॉ. अरुण उरांव ने कहा कि हेमंत सरकार सोची समझी रणनीति के तहत सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव ला रही है। इनकी मंशा आदिवासी समाज के कल्याण की नहीं है, और आदिवासी समाज के किसी सामाजिक धार्मिक संगठन ने सीएनटी एक्ट में संशोधन की बात नहीं उठाई है। मुख्यमंत्री ने लगातार अपने पद और पावर का दुरुपयोग करते हुए गरीब आदिवासियों की जमीन को अपने और अपने परिवार के नाम करवाया है। 

संशोधन से पहले सरकार ले सलाह! 

डॉ. अरुण उरांव ने कहा कि 4 वर्षों के बाद आज सीएनटी में संशोधन की याद आ रही है, जबकि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के संशोधन पर जमीन आसमान एक करने वाले यही झामुमो कांग्रेस और राजद के लोग थे। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार यदि परिवर्तन चाहती है तो पहले इस संबंध में समाज के विभिन्न वर्गो के बीच व्यापक विमर्श कराए। सीएनटी मामलों से जुड़े विधि विशेषज्ञों से सलाह ले, तभी संशोधन का प्रस्ताव लाए।

TAC को हेमंत सोरेन ने बनाया हथियार! 
डॉ. उरांव ने कहा कि रांची, रामगढ़, बोकारो से लेकर दुमका तक शिबू सोरेन परिवार ने जमीन लिए हैं जो सीएनटी-एसपीटी का खुला उल्लंघन है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस अवैध जमीन के नियमतीकरण के लिए टीएसी (Tribal Advisory Council) को हथियार बनाया है। उन्होंने कहा कि टीएसी को हेमंत सरकार ने राज्यपाल की भूमिका हटाकर पहले ही अपने अधिकार में कर लिया है ताकि अपने हिसाब से निर्णय लिया जा सके।

संशोधन में व्यावसायिक उपयोग की छूट नहीं दी जाए!
बीजेपी नेता डॉ. उरांव ने कहा कि आनन-फानन में लाया गया प्रस्ताव जनजाति समाज को मंजूर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट में संशोधन केवल आवास निर्माण के लिए ही दिए जाने तक विचारणीय हो। व्यावसायिक उपयोग की छूट नहीं दी जाए। उन्होंने कहा कि 5 से 10 किलोमीटर की सीमा तथा 5-10 डिसमिल जमीन खरीद-बिक्री का प्रस्ताव ही पारित किया जाना चाहिए।