रांची:
राहुल गांधी से मुलाकात करने दिल्ली गए झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार की शिकायत की है।चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप काम नहीं हो पाने से नाराज कांग्रेसी विधायकों ने अपने नेता राहुल गांधी के समक्ष एक-एक कर अपनी बात रखी। लगभग दो घंटे तक चली इस मुलाकात में विधायकों ने कहा कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, युवाओं को नौकरी, स्थानीय नीति और विस्थापन आयोग पर अबतक काम नहीं हो पाया है। इसकी वजह से गठबंधन की सरकार में पार्टी की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां तक की अपनी ही सरकार में कांग्रेस पार्टी के विधायकों पर केस दर्ज हो चुका है। विधायकों ने राहुल गांधी से कहा कि निर्णय लेने में देरी की वजह से भी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
डरो मत, लड़ो का मिला मूलमंत्र
राहुल गांधी ने विधायकों और पार्टी नेताओं को डरो नहीं, लड़ो का मूलमंत्र दिया। गांधी ने मेनिफेस्टो के अनुरूप काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाकर काम हो और इसके लिए कॉर्डिनेशन कमिटी जल्द बनाया जाय।
सरकार से समझौता नहीं
चुनावी वादों को दरकिनार कर सरकार से समझौता नहीं होगा। राहुल गांधी ने कहा कि कार्यकर्ताओं से पार्टी नेता जुड़ें।उनके मान-सम्मान का ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि अभी कांग्रेस पार्टी के 18 विधायक हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़े, इसपर झारखंड कांग्रेस काम करे।
तीन दिवसीय चिंतन शिविर
आगामी 17 फरवरी से 19 फरवरी तक तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन झारखंड कांग्रेस ने तय किया है। इन तीन दिनों में पार्टी यह चिंतन करेगी कि सरकार में रहकर पार्टी को क्या लाभ मिला औऱ इसके जरिये जनता को अबतक क्या फायदा पहुंचाया गया।