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Ranchi : महंगाई को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- गरीबों की थाली से छीन लिया निवाला

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रांची: 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के द्वारा महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत आज पूर्वाह्न 11 बजे से राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सहित खाद्य सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर लगाम लगाने की मांग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने की। इस धरने कार्यक्रम में राज्य के मंत्री, विधायक, जिलाध्यक्ष समेत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सरकार के फैसलों की निंदा की।

 

हाईकमान के निर्देश पर जारी है अभियान
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने बताया कि इस अभियान के तहत देशव्यापी महंगाई की बढ़ोतरी के विरोध में आयोजित 1 दिवसीय धरना का विषय प्रवेश करते हुए कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देशानुसार महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत विगत 31 मार्च को पूरे राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गली-मुहल्लों एवं चौक-चौराहों में महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया गया तथा 2 अप्रैल 2022 को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में महंगाई के विरोध में धरना प्रदर्शन/मार्च किया गया और आज राज्य की राजधानी रांची, राजभवन के समक्ष बढ़ती महंगाई के विरोध में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।  

कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस के कई दिग्गज
धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष सह सांसद गीता कोड़ा ने की तथा संचालन सुनिल सिंह ने किया। प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने धरना कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कार्यकारी अध्यक्ष सह सांसद गीता कोड़ा, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय बेतहाशा महंगाई के विरोध में रिक्शा से धरना स्थल तक पहुंचे।

पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत नियंत्रित करे केंद्र! 
धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष सह सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करना चाहिए। किसी तरह की वृद्धि नहीं करनी चाहिए। महंगाई की सबसे ज्यादा मार गरीब एवं मध्यम वर्ग पर पड़ती है। जब मई 2014 में भाजपा ने सत्ता संभाली तो पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 9.20 रुपये प्रतिलीटर और 3.46 रुपये प्रतिलीटर था। पिछले 8 सालों में बीजेपी सरकार ने एक्साईज़ड्यूटी पेट्रोल पर 18.70 रु. प्रति लीटर और डीजल पर 18.34 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी, यानि डीज़ल और पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी में क्रमशः 531 प्रतिशत और 203 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।

बीते 10 दिन में केंद्र ने 9 बार बढ़ाई पेट्रोल की कीमत! 
विधायक दल के नेता सह मंत्री आलगीर आलम ने कहा कि पिछले 10 दिनों में केन्द्र सरकार ने 9 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। सरकार इस बृद्धि से हजारो करोड़ रूपया कमा रही है। और राज्य की जनता तिल-तिल मरने को विवश है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में बैठी सरकार मुटठी भर अमीरों को और अमीर बना रही है।  जबकि मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय किसान, मजदूर, युवा, महिला की थाली से निवाला छीन रही है।

बीमार व्यक्तियों को भी नहीं बख्श रही केंद्र सरकार! 
धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि मोदी सरकार ने तो बीमार व्यक्तिों को भी नहीं बख्श रही है। 800 जरूरी दवाइयों के मूल्यों में 10.76 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसका मतलब यह है कि थाली से निवाला छीनेंगे ही और अगर बीमार हुए तो भी दवाई खरीद नहीं पायेंगे। मतलब जनता की मौत तय। मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साईज़ड्यूटी बढ़ाकर 8 सालों में 26,00,000 करोड़रु. (26 लाखकरोड़रु.) का मुनाफा कमाया है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। 

मध्यमवर्ग पर चारों तरफ से पड़ी महंगाई की मार! 
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि सिर्फ पेट्रोल और डीजल के दाम ही नहीं बढ़ते बल्कि इससे प्रभावित सभी प्रकार के खाद्य सामग्रियां, स्कूल के फीस, बस भाड़ा पर भी महंगाई की मार होती है। उन्होंने कहा कि जहां एक और कोरोना वैश्विक मंदी लोगों की नौकरियां छीन ली और एक ओर मोदी सरकार थाली से निवाला।

पूंजीपतियों के पिट्ठू के रूप में काम करती है सरकार! 
मंत्री बादल ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक सरकार नहीं चल रही है। बल्कि चंद पूंजीपतियों की पिठू के रूप में केन्द्र सरकार काम कर रही है। 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिलर हाथा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार के पिछले 3 सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 60.6 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जबकि साल 2011 से साल 2014 के बीच यूपीए सरकार के अंतिम तीन सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य 108.46 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।

मोदी सरकार में महंगाई बन गई दैनिक कार्यक्रम! 
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि मोदी सरकार में महंगाई एक दैनिक कार्यक्रम बन गई है, जिसका जश्न भाजपा और मोदी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को उपहाश करके मनाया जा रहा है क्योंकि मोदी है तो यही मुमकिन है। मोदी सरकार ने भारत के नागरिकों के साथ धोखा, विश्वासघात और छल किया है।चुनावों मेंलोगों के वोट बटोरने के लिए 137 दिनों तक पेट्रोल, डीज़ल, गैस सिलेंडर, पाईप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) और सीएनजी के दाम स्थिर रखने के बाद, पिछले एक हफ्ते से हर परिवार का बजट बिगड़ गया है।