द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में मुखिया, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक हड़ताल पर हैं। इसका सीधा असर पंचायतों के कामकाज पर हो रहा है। पंचायतों के कई महत्वपूर्ण काम ठप है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ रहा है। मुखिया की हड़ताल से सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं के आवेदन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। झारखंड के 13 जिलों में ग्राम सभा का पूर्ण अधिकार मुखिया को ही है। ऐसे में इससे जुड़े काम पर प्रभाव पड़ रहा है।
पंचायत सचिव के हड़ताल में रहने से अबुआ आवास योजना, पीएम आवास योजना, मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं, आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम पर असर पड़ रहा है। इन सारे कार्यों के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी पंचायत सचिव पर है। पंचायत सचिव ही लाभुकों का सत्यापन करते हैं। योग्य या अयोग्य वही तय करते हैं। राज्य में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिकायतों के लिए आवेदन लिये जा रहे हैं, लेकिन मुखिया की हड़ताल से काम प्रभावित हो रहा है।
कई जिलों ने अपने स्तर से मुखिया का प्रभार उप मुखिया को दे दिया है। उप मुखिया के स्तर पर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से जुड़े काम आगे बढ़ाये जा रहे हैं। लेकिन झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव का कहना है कि हर जिले में उपमुखिया भी धरना पर हैं। वह भी आंदोलन में साथ हैं। ऐसे में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों से आवेदन लेकर उसे कंप्यूटर ऑपरेटर से अपलोड कराया जा रहा है। लेकिन बिना मुखिया के हस्ताक्षर के हर विभाग के आवेदन सिर्फ अपलोड हो रहे हैं, कोई काम नहीं हो रहा है।
राज्यभर के रोजगार सेवक से लेकर मनरेगा के सारे कर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में मनरेगा से संबंधित सभी कार्य ठप पड़ गये हैं। मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना भी मुश्किल हो रहा है. पौधरोपण के साथ खेल मैदान तैयार करने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो गये हैं