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झारखंड सचिवालय सेवा संघ चुनावः मुद्दों पर भारी पड़ रहा है जाति, धर्म, बाहरी, भीतरी व बैच

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सचिवालय सेवा संघ का कल रविवार को चुनाव है। पशुपालन भवन सिंह मोड़ हटिया में वोटिंग है। पिछले एक सप्ताह से चुनाव को लेकर सचिवालयों में सरगर्मी उफान पर है। काफी कोशिश करने के बाद भी अध्यक्ष पद के दो उम्मीदवारों को संघ के सदस्य बैठाने में सफल नहीं हो सके। इस तरह अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं महत्वपूर्ण महासचिव पद के लिए सिर्फ दो ही प्रत्याशी आमने सामने हैं। चुनाव में ताल ठोक रहे सचिवालय सेवा के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से विभिन्न विभागों के अलग अलग टेबुलों पर जा कर समर्थन की गुहार लगा चुके हैं। वोट का आग्रह कर चुके हैं। अपनी अपनी प्राथमिकताएं भी गिना चुके हैं। लेकिन वे पंपलेट में सीमित दिखते हैं। जाति, धर्म, बाहरी, भीतरी और बैच सब मुद्दों पर भारी है। इसी आधार पर गोलबंदी और तोड़-जोड़ की पूरी कोशिश हो रही है। इस रणनीति लड़ाई में महिला-पुरुष का भेद भी कम नहीं दिखायी दे रहा है। 


पूरे चुनाव में अघोषित रूप से बाहरी-भीतरी के अलावा जाति-धर्म के आधार पर भी संघ के सदस्य साफ साफ बंटे दिखायी पड़ रहे हैं। कभी जाति किसी को जोड़ रहा है तो कहीं धर्म किसी को किसी उम्मीदवार से दूर कर रहा है। झारखंड और बिहार का बंटवारा सचिवालय सेवा संघ के चुनाव में भी कहीं कहीं झलक उठता है। इन सब पर बैच भी भारी पड़ रहा है। यहां मालूम हो कि 2013 बैच के सबसे अधिक लगभग 500वोटर हैं। 2016 बैच के लगभग 90, 2012 बैच के लगभग 40 एवं शेष 1995बैच के लगभग 250 वोटर हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 882 बतायी गयी है। कहने का तात्पर्य,सचिवालय सेवा 2013 बैच के सदस्यों ने जिसके पक्ष में एकजुटता से वोट कर दी उसकी जीत सुनिश्चित है।


अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय और महासचिव के उम्मीदवार आमने सामने
अध्यक्ष पद के लिए इस बार चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि सचिवालयकर्मियों के अनुसार दीप्ति शिखा हेरेंज, रितेश और आनंद बास्के के बीच त्रिकोणी मुकाबला साफ झलकता है। लेकिन महासचिव पद पर राजेश कुमार सिंह और अमित कुमार के बीच सीधी टक्कर है। उपाध्यक्ष व संयुक्त सचिव जैसे पदों पर न तो सचिवालय सेवा संघ के सदस्यों की बहुत गहरी नजर है और न इस पद के लिए खड़े प्रत्याशियों में कोई रस्साकस्स है। उपाध्यक्ष पद के लिए सात प्रत्याशी है। इनमें पांच का निर्वाचन होना है। अर्थात दो ही बाहर का रास्ता देखेंगे। संयुक्त सचिव के लिए भी यही स्थिति है। कोषाध्यक्ष पद पर भी अवधि किशोर भगत और निधि स्मिता टोपनो के आमने-सामने की लड़ाई है।
इस बार बुजुर्गों का अनुभव कम मिलेगा
सचिवालय सेवा संघ के चुनाव में इस बार बुजुर्ग प्रत्याशी का टोटा है। उपाध्यक्ष पद के लिए एक मात्र प्रत्याशी प्रदीप पासवान हैं। पासवान ही मात्र सबसे पुराने 1995 बैच के प्रत्याशी हैं।

कल चुनाव के दौरान भोजन की उत्तम व्यवस्था
चुनाव के दौरान सचिवालय संघ द्वारा भोजन की उत्तम व्यवस्था की गयी है। सुबह नाश्ता के अलावा नन वेज में मटन,मछली और वेज में पनीर व अन्य मौसमी सब्जी का उत्तम प्रबंध है। गर्मी के इस मौसम में दिन भर पेय पदार्थ वोटरों का गला गीला करते रहेंगे।
 

स्क्रुटनी के बाद चुनाव मैदान में बचे प्रत्याशी
अध्यक्ष- दीप्ति शिखा हेरेंज, रितेश कुमार,आनंद बास्के और अनुज रजक
महासचिव-अमित कुमार व राजेश कुमार सिंह
उपाध्यक्-प्रदीप कुमार पासवान, धर्मेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, शशिकांत गोप, अनिल सरदार, नाजीर सुंडी, मनीष कांत 
सचिव- धर्मवीर कुमार, प्रेम कुमार, चंद्रदीप एक्का, नितिन कुमार
संयुक्त सचिव-प्रणव कुमार पंडा, आनंद कुमार, पप्पू कुमार, अमिता लकड़ा, हेम नारायण सिंह, संध्या खलखो व सोनी कुमारी संगठन सचिव-अष्टमी बानरा, वैद्यनाथ मुर्मू, रविंद्र प्र वर्णवाल, मनोज कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, रजनीश कुमार शुक्ला व विनोद कुमार नायक
कोषाध्यक्ष-अवध किशोर भगत व निधि स्मिता टोपनो

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