द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने शिक्षकों सहित अन्य राज्य कर्मियों की सेवा निवृति उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग सरकार से की है। इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव को मांगपत्र सौंपा गया है। संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के तीनों संवर्ग (प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक) के शिक्षकों की सेवा निवृत्ति की उम्र झारखंड में मात्र 60 वर्ष है, जबकि अपने ही राज्य में विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृति उम्र 65 वर्ष है। दोनों ही स्तर पर शैक्षणिक कार्यो का निष्पादन किया जाता है ऐसे में पाँच वर्षों का सेवा अंतराल का होना न्यायसंगत एवं उचित नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा की अगर विश्वविद्यालय के शिक्षक 65 वर्ष तक पठन पाठन कर सकते हैं तो राज्य के शिक्षक क्यों नहीं, क्या उनमे ये क्षमता या योग्यता की कमी रह जाती? यह एक यक्ष प्रश्न है जिसका निराकरण सरकार के जिम्मे है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का बुनियादी आधार अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों के बलबुते संभव हो सकता है क्योंकि इनके द्वारा लगातार शिक्षा हित में प्रयास किये जा रहे हैं। झारखंड राज्य में अनुभवी एवं योग्य शिक्षक एवं राज्य कर्मियों की लगातार कमी होते जा रही है जिसका असर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ साथ राज्य के विभागीय कार्यो के बेहतर संपादन में भी पड़ रहा है।
झारखंड राज्य गठन के पश्चात उतराखंड एवं मध्यप्रदेश के राज्य कर्मियों की सेवानिवृत्ति उम्र 62 वर्ष की गई है। उक्त उदाहरण का अनुसरण करते हुए अपने राज्य में भी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृति उम्र 60 वर्ष से 62 वर्ष किया जाना एक बेहतर कदम होगा। झारखंड राज्य में लगातार सेवानिवृत्ति से रिक्त हो रहे पदों पर न नियुक्ति हुई और न ही वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को किसी प्रकार का विभागीय प्रोन्नति दी गई है। ऐसे ही शिक्षक और कर्मचारी वर्ग अवसाद के शिकार हो रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से आग्रह किया गया है कि सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण योजना को सफलीभूत करने के लिए अनुभवी एवं दक्ष शिक्षक एवं कर्मचारियों की सेवानिवृति उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाना अवश्य हितकारी होगा।
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों में केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद, उपाध्यक्ष साबिर अहमद, प्रवक्ता शहज़ाद अनवर, मो० फखरूद्दीन, मक़सूद जफर हादी, सरवर आलम सहित अन्य शामिल थे।