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झामुमो और कांग्रेस का अडाणी मामले में बदला सुर, कहा, राज्य को निवेश तो चाहिए ही

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द फॉलोअप डेस्क

गौतम अडाणी के विरुद्ध झामुमो और कांग्रेस के रुख में भारी बदलाव आया है। दोनों ही दल अब राज्य में पूंजी निवेश और रोजगार सृजन के उद्देश्य से अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी का शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हुई मुलाकात को सकारात्मक मानते हैं। राज्य में युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में सार्थक कदम मानते हैं। अब दोनों ही दल अडाणी को अछूत की श्रेणी में नहीं रख रहे। उनके प्रति नजरिए में भी भारी बदलाव है। साथ ही पुराने विवादों और विरोधों को भूल कर साथ चलना चाहते हैं। झामुमो और कांग्रेस के बयानों से कुछ यही संदेश मिल रहा है।

 

राज्य में निवेश तो चाहिए, हम अपनी शर्तों कर ऐसा करेंगे ः सुप्रियो भट्टाचार्य

अडाणी के प्रति झामुमो के भारी विरोध और लगातार बयानों के बाद मुख्यमंत्री से हुई गौतम अडाणी की मुलाकात पर पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि राज्य में निवेश चाहिए। हम अपनी शर्तों पर निवेश कराएंगे। झारखंड सरकार की औद्योगिक नीति के तहत निवेश पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। अगर अडाणी के किसी  उद्योग में 75 फीसदी स्थानीय को नौकरी मिले तो इसमें भला क्यों आपत्ति होगी। उन्होंने कहा कि झामुमो तो इसलिए विरोध कर रहा था, क्योंकि गोड्डा में स्थापित पावर प्लांट से उत्पादित पूरी बिजली को राज्य सरकार ने बंगलादेश को देने की शर्त मान ली थी। जबकि स्टैंडर्ड प्रोसिज्योर के तहत 25 फीसदी बिजली झारखंड को मिलनी चाहिए थी। अब जब बंगलादेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो वह झारखंड को बिजली बेचना चाहते हैं। हम अपनी शर्तों पर अडाणी के साथ समझौता करेंगे।

व्यक्ति विशेष का कांग्रेस विरोध नहीं करती ः राकेश सिन्हा

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा का कहना है कि पार्टी किसी व्यक्ति विशेष का विरोधी नहीं है। उसके क्रिया कलापों का विरोधी है। केंद्र सरकार के क्रिया कलापों का विरोधी है। लेकिन राज्य का विकास हो। यहां उद्योग लगे, युवाओं को नौकरी मिले, यह किसी भी सरकार और पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। हम अब किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहति कर किसी को नहीं देने जा रहे हैं। कोई यहां आकर उद्योग लगाए, इसका विरोध नहीं करते हैं और करने जा रहे हैं।

भाजपा ने कहा यह हृदय परिवर्तन कैसा, इस मुलाकात के क्या मायने है, रिश्ता क्या कहलाता है

गौतम अडाणी की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हुई मुलाकात के बाद भाजपा ने तंज कसना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय शाह का कहना है कि छह महीने पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए बयान को याद किया जा सकता है। उस समय सीएम ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में अडाणी को खदान मिल गया है। राज्य सरकार के सहयोग से वहां जगल उजाड़ा जा रहा है। पर्यावरण को क्षति पहुंचायी जा रही है। अब यह हृदय परिवर्तन कैसे हो गया। इस मुलाकात के मायने क्या हैं। यह रिश्ता क्या कहलाता है। उधर प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का भी कहना है कि मुलाकात पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन झामुमो और मुख्यमंत्री पहले अडाणी -अंबानी का विरोध क्यों करते थे। यह कहते फिरते थे कि यही देश चला रहे हैं। इस तरह की भाषा का प्रयोग बंद होना चाहिे।

 

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