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Ranchi : ...मानो! बीजेपी सांसद से पूछकर सारे फैसले लेता है चुनाव आयोग, संकट में गोपनीयता- सुप्रियो भट्टाचार्य

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रांची: 

झारखंड में सत्तारूढ़, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी, राजभवन, चुनाव आयोग और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर निशाना साधा। सुप्रियो भट्टाचार्य ने झारखंड में जारी हालिया सियासी हलचल को सोची समझी साजिश के तहत गढ़ी गई कहानी बताया। उन्होंने कहा कि रणनीति के तहत विपक्ष द्वारा सरकार के बारे में अफवाह फैलाई गई।

 

चुनाव आयोग की गोपनीयता संकट में
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी गोपनीयता बरकरार नहीं रख पा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का पत्र एक सांसद के हाथ में पहुंच जाता है। ये संयोग नहीं हो सकता। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी का प्रत्यक्ष कब्जा हो गया है। संस्थाएं अपनी विश्वसनीयता खो रही है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता को बीजेपी के एक सांसद के पास चुनाव आयोग का पत्र नहीं पहुंच गया होता। कहा कि आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। 

वादे के 5वें दिन भी राजभवन से संवाद नहीं
झामुमो नेता ने कहा कि बीते दिनों जब यूपीए प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाकर राज्यपाल से मिला तो कमिटमेंट किया गया था कि 2 दिन में वे चुनाव आयोग को अपना मंतव्य भेज देंगे। उस वादे को आज 5वां दिन है। राजभवन की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल को आयोग को लिखा पत्र सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालिया गतिविधियां बताती हैं कि मानों चुनाव आयोग अपना हर काम बीजेपी सांसद से पूछकर करता है। उन्होंने कहा कि क्या इसी दिन के लिए देश ने 73 वर्ष पूर्व संविधान को अपनाया था। क्या इसी दिन के लिए 1951 में चुनाव आयोग अस्तित्व में आया। 

विश्वास मत हासिल किया फिर अभी अटकलें! 
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल (सोमवार) को सरकार ने सदन में विश्वास मत प्राप्त किया। दूसरी ओर विपक्ष ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया। बीते काफी दिनों से विपक्ष द्वारा ये अफवाह फैलाई जा रही थी कि गठबंधन में एकता नहीं है। विधायक असंतुष्ट हैं। उसी की पुष्टि के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। बहुमत साबित हो गया। परेशानी क्या है।