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झामुमो की ED को चेतावनी, कार्रवाई से जनता में आक्रोश; 'नहीं चेते तो गंभीर होंगे परिणाम'

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उसकी कार्रवाई से झारखंड की जनता में आक्रोश है। यदि उन्होंने चेतावनी समझने में देरी की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनावी वर्ष 2024 में 3-6 माह का समय काफी अहम है। राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करते हैं। मई महीने तक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे ठीक पहले राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई कई सवाल खड़े करती है।

विपक्षियों को दिखाया जा रहा ईडी-सीबीआई का डर
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहले विपक्षी दलों को धर्म और संप्रदाय के नाम पर डराया जाता था और उसकी जगह ईडी ने ले ली है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का डर विपक्षी दलों को दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लगी थी, बावजूद इसके ईडी और सीबीआई की कार्रवाई चलती रही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। ऐसा ही झारखंड में किया जा रहा है। 

केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई क्यों सार्वजनिक होती है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ईडी और सीबीआई की कार्रवाइयों की जानकारी कैसे बाहर आ जाती है यह बड़ा सवाल है। ऐसी कार्रवाइयों की जानकारी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। जब चीजें सार्वजनिक होती है तो कहा जाएगा ही कि प्रदेश सरकार को परेशान कया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता में ईडी, सीबीआई या आईटी की कार्रवाई को लेकर आक्रोश है। ईडी भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। ईडी ने 14 अगस्त को समन जारी किया जबकि उन्हें पता था कि इस दिन मुख्यमंत्री कितने व्यस्त होते हैं। ईडी ने छापा मारा लेकिन स्पष्ट नहीं बताती कि किसके यहां से क्या मिला। उन्होंने कहा कि हमें ईडी के साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ने को विवश किया जा रहा है। 

ईडी की कार्रवाई से आदिवासियों में आक्रोश है
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने भी कहा था कि ईडी की कार्रवाई से आदिवासियों में आक्रोश है। आदिवासी जनी शिकार करते हैं। ईडी को सचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आदिवासी मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं है। वह किसी भी प्रकार से सरकार को परेशान और अस्थिर करना चाहती है। हमारे लिए यह मुश्किल समय है।