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अमेरिका में पत्रकार रवि प्रकाश को मिला पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड, झारखंडी परिधान में दिखे

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द फॉलोअप डेस्क: 
अमेरिका के तटीय शहर सैन डियेगो में 7 सितंबर से शुरू वर्ल्ड लंग कैंसर कांफ्रेंस (WCLC-2024) में  पत्रकार रवि प्रकाश को पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड दिया गया। यह पुरस्कार पाने वाले रवि इस साल भारत के इकलौते व्यक्ति हैं।
लंग कैंसर पर काम करने वाली दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर (IASLC) हर साल यह पुरस्कार विश्व के उन चुनिंदा लोगों को देती है, जो अपने-अपने देश में मरीज़ों की आवाज बन चुके हैं। इस साल भारत से रवि के अलावा यह पुरस्कार दुनिया के 9 और लोगों को दिया गया है। इन 10 लोगों में रवि इकलौते व्यक्ति हैं, जो खुद मरीज होकर पेशेंट एडवोकेसी करते हैं। बाकी के विजेता या तो केयरगिवर्स हैं या फिर लंग कैंसर के लिए काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि है। 7 सितंबर, शनिवार की शाम सैन डियेगो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में करीब 100 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार दिया गया।
 

सरना धर्म कोड की वकालत वैश्विक स्तर पर 
रवि ने पुरस्कार लेते वक्त झारखंडी बंडी पहनी थी और उन्होंने सरना गमछा भी रखा था। विश्व लंग कैंसर कांफ्रेंस में 100 देशों के प्रतिनिधियों के बीच अपने परिधान से रवि ने बड़ी बारीकी से सरना धर्म कोड की वकालत वैश्विक स्तर पर कर दी। यह प्रस्ताव फ़िलहाल भारत सरकार के पास विचाराधीन है। रवि ने मीडिया से कहा, “बात किसी और धर्म विशेष के प्रचार की नहीं है। हम भारत के लोग हैं और संविधान की प्रस्तावना में ही धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखा है। लेकिन, आप 75 सालों तक आदिवासियों से उनके धर्म की पहचान नही छीन सकते। वे धर्म के कॉलम में ‘अन्य’ शब्द कब तक लिखेंगे। इसलिए मैंने यह बंडी पहन कर पुरस्कार लेने का निर्णय लिया था। इसके लिए मैं जोहारग्राम का आभारी हूँ।”

मुंबई में चल रहा कार-टी सेल थेरेपी 
रवि प्रकाश पिछले पौने चार साल से लंग कैंसर के अंतिम स्टेज के मरीज हैं। पिछले जून में उनकी बीमारी बढ़ कर दिमाग में भी आ गई। इसके बाद उनका पुराना मेडिकेशन रोक दिया गया। उनकी बीमारी फिर से प्रोग्रेस कर गई और वे गंभीर रुप से बीमार हैं। पिछले डेढ़ महीने से मुंबई में उनकी कार-टी सेल थेरेपी चल रही है। 
कैंसर मरीज़ों के बने आवाज 
रवि ने कैंसर के इलाज की कठिनाई, खर्च, सरकार की सुविधाओं और योजनाओं की कमियों को लेकर कई लेख लिखे। उन्होंने कई कांफ्रेंस में इस बात को उठाया है। पिछले साल भी सार्क फ़ेडरेशन ऑफ आंकोलॉजिस्ट के वर्ल्ड कांफ्रेंस में उन्होंने काठमांडू में अपनी बात ज़ोरदार तरीके से रखी थी। रवि के कैंसर मरीज़ों की कठिनाइयों का ज़िक्र के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर बीमारी उपचार योजना की सीमा 5 से बढ़ाकर 10 लाख करने का निर्णय लिया था। जिसके लिए रवि मे हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त किया। रवि कहते हैं कि कैंसर मरीज़ों के लिए आयुष्मान योजना और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मदद भी बड़ी राहत देती है। इसके बावजूद आयुष्मान योजना के प्रावधानों में कई तरह के सुधार की आवश्यकता है। म्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें व्यक्तिगत  रुचि लेंगे। 
रवि प्रकाश लंग कैंसर के मरीज़ों के लिए काम करने वाली भारत की प्रतिष्ठित संस्था लंग कनेक्ट इंडिया फ़ाउंडेशन के सह संस्थापक और निदेशक हैं। इस सपोर्ट ग्रुप ने अभी तक 15 हजार से भी अधिक लंग कैंसर मरीज़ों की सहायता की है। इसके अलावा रवि कैंसर वाला कैमरा का आयोजन भी करते हैं, जिसकी काफी चर्चा होती रही है। 


 

Tags - वर्ल्ड लंग कैंसर कांफ्रेंस पेशेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड World Lung Cancer Conference Patient Advocacy Educational Award