द फॉलोअप डेस्क
JSSC CGL की परीक्षा के बाद से ही अभियार्थियों के द्वारा लगातार परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया जा रहा है। ऐसे में JSSC की तरफ से प्रेस वार्ता कर अभियार्थियों को परीक्षा में धांधली के सबूत सौंपने के लिए कहा गया था जिसके बाद उम्मीदवारों की तरफ से CD में सारे सबूत दिए गए थे। लेकिन जो CD सौंपी गई थी वो खाली थी। ऐसा आयोग ने अपने पत्र में बताया था। उसके बाद आयोग की तरफ से 7 अक्टूबर का समय दिया गया था। दोबारा सबूत सौंपने के लिए, जिसके बाद छात्र सारे सवालों का जवाब ले कर गए। साथ में जिस CD को बार बार ख़ाली बताया जा रहा था उसके वीडियो एविडेंस को पेन ड्राइव में सौंप दिये। पिछले 2 बार की मीटिंग में हम सारे लोग साथ ही जिनके मोबाइल में मूल श्रोत है वो भी उपलब्ध थे। उस दिन मूल साक्ष्य दिखाया भी गया था। उस दिन इनका जवाब था की जाँच करने के प्राधिकार हमलोग नहीं हैं तो मूल साक्ष्य को साथ ले कर सब को क्यों बुलाया गया । इनकी ही दोनों बातों में विरोधाभास है। आज जबकि मूल साक्ष्य के मोबाइल का मॉडल नंबर साथ ही जिसका मोबाइल है उसकी पूरी डिटेल आयोग को दे दी गई। वॉइस रिकॉर्डिंग इनके द्वारा माँगा ही नहीं गया था। जो जानकारी माँगी गई थी वो जानकारी भी आज प्रदान कर दी गई। ये CCTV से उसकी जाँच कर सकते हैं ।
कहा कि जहां तक रही शपथ पत्र की बात तो जब ये ख़ुद स्वीकार कर चुके हैं कि ये जाँच के प्राधिकार नहीं हैं तो शपथ पत्र माँगने का क्या औचित्य है। शपथ पत्र और मूल साक्ष्य हमलोग माननीय उच्च न्यायालय में देंगे । पहले दिन से ( 26 सितंबर ) से ही ऐसा लगा कि इनकी मंशा निष्पक्ष जाँच की नहीं है। अगर इनकी मंशा जाँच की होती तो संबंधित जाँच प्राधिकार को बुला कर 30 सितंबर को जाँच कर सकते थे। कई घंटे हमलोग मूल साक्ष्य के साथ वहाँ बैठे थे। मामला चूँकि न्यायालय में जा चुका है तो अब सच्चाई सामने आयेगी। इनकी हड़बड़ी को भी माननीय न्यायालय को अवगत करा दिया गया है।