रांचीः
प्रांतीय भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने बोकारो, धनबाद में भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा के नाम पर कुछ लोगों द्वारा विरोध करने पर कड़ी निंदा की है। यादव ने कहा कि झारखंड में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है।
रघुवर दास सरकार ने भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भाषा को कैबिनेट से अनुशंसा कर विधानसभा से पारित कराया था जिसे राज्यपाल ने संवैधानिक मान्यताएं दे दी थीं। झारखंड में वर्षों से लगभग 18 जिला में 50- 60 फीसदी भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। कुछ राजनीतिक पार्टियां इसे बेवजह तूल देकर राज्य को अशांत करने का माहौल तैयार कर रहे हैं।
डोमिसाइल को भूलना नहीं चाहिए
यादव ने कहा कि झारखंड में वर्ष 2002 में डोमिसाइल की हुई घटना को भूलना नहीं चाहिए और ना ही इसे दोहराने की कोशिश करना चाहिए। ऐसे संवेदनशील मामलों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील है कि शरारती तत्वों द्वारा भाषा के नाम पर विरोध करने वाले लोगों को चिन्हित कर कठोर करवाई करे, ताकि भविष्य में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न न हो सके। कल भाषा के नाम पर विरोध करने वाले लोगों द्वारा पूर्व सांसद रविंद्र राय पर हमला किया जाना बेहद चिंताजनक और निंदनीय है।
कल की जाएगी बैठक
कल 1 फरवरी को दिन के 1:30 बजे से हरमू स्थित ग्लेक्सिया मॉल के पास जमुनानगर रोड नंबर 7 ने भोजपुरी एकता मंच के द्वारा एक आवश्यक बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमे लगभग 2 दर्जन सहित अन्य संगठन के लोग मौजूद रहेंगे।