द फॉलोअप डेस्कः
ABP मीडिया चैनल ने रविवार को झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एक्जिट पोल जारी किया है। जिसमें एनडीए को 45 से 50 सीटें मिलता दिखाया गया है वहीं इंडिया गठबंधन को 18 से 25 सीटें व अन्य को 2 से 5 सीटें मिलती दिखाई गई है। इसे लेकर कल्पना मुर्मू सोरेन ने लोकसभा चुनाव का पुराना एक्जिट पोल शेयर करते हुए एबीपी के एक्जिट पोल को झुठलाया है। कल्पना सोरेन ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन को एबीपी का एक्जिट पोल 2 सीटें दे रहा था। हालांकि परिणाम कुछ और ही आया था। जहां एनडीए को 9 सीटें मिली थीं वहीं इंडिया गठबंधन को झारखंड लोकसभा चुनाव में 5 सीटें प्राप्त हुई थी। उसी पुराने एक्जिट पोल को आधार मानकर कल्पना सोरेन ने डेटा साझा करते हुए कहा है कि इस बार भी भाजपा-आजसू - JDU- LJP गठबंधन - 36% वोट शेयर पार नहीं कर पाएगा।
कल्पना सोरेन ने जो ट्वीट शेयर किया है वो इस प्रकार हैः-
'भाजपा आजसू को : 2014 लोकसभा में - 44.5% वोट
2014 विधानसभा में - 35.5% वोट
2019 लोकसभा में - 56% वोट
2019 विधानसभा में - 42 % (अलग लड़े पर दोनों के वोट जोड़)
2024 लोकसभा में - 47.6% वोट
इससे साफ़ है की मोदी युग में भी - लोकसभा और विधान सभा के बीच भाजपा को कम से कम 22 से 25% वोट प्रतिशत का नुकसान होता है।
लोकसभा में INDIA को झारखंड में 14 में 2 सीट देने वाला ABP गोदी एग्जिट पोल कह रहा है
भाजपा - आजसू को 53% वोट शेयर मिलेगा
भाजपा-आजसू - JDU- LJP गठबंधन - 36% वोट शेयर पार नहीं कर रहा है।'
ऐसे में 23 नवंबर को यह देखना दिलचस्प होगा कि यह एक्जिट पोल कितना सही साबित होता है
भाजपा आजसू को :
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) November 10, 2024
2014 लोकसभा में - 44.5% वोट
2014 विधानसभा में - 35.5% वोट
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2019 लोकसभा में - 56% वोट
2019 विधानसभा में - 42 % (अलग लड़े पर दोनों के वोट जोड़)
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2024 लोकसभा में - 47.6% वोट
इससे साफ़ है की मोदी युग में भी - लोकसभा और विधान सभा के बीच भाजपा को कम से… pic.twitter.com/ZNfOGbb02e
दो चरण में होंगे चुनाव
बता दें कि झारखंड में चुनाव होने में कुछ ही घंटे बच गये हैं। 13 तारीख को पहले चरण का चुनाव है वहीं 20 नवंबर को दूसरे चरण का। 23 नवंबर को परिणाम जारी किए जाएंगे। उससे पहले झारखंड की राजनीति गरमाई हुई है। कयासों का बाजार गर्म है। सभी पार्टियां खुद को बेहतर बताने में जुटी हैं। ऐसे में 23 नवंबर को यह देखना दिलचस्प होगा कि यह एक्जिट पोल कितना सही साबित होता है