logo

जानें कैसे कल्पना सोरेन की लॉन्चिंग के लिए गांडेय सीट है सुरक्षित, JMM को कैसे रोकेगी BJP

कोतजोलो.jpg

द फॉलोअप डेस्कः
गांडेय से जेएमएम विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा बड़ा राजनीतिक उलटफेर का संकेत है। चर्चा है कि ईडी की अगली कार्रवाई और राजभवन से लिफाफा के संबंध में कोई निर्णय लिए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है, तो वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंप सकते हैं। हिंदुस्तान अखबार में ऐसी खबर छपी है कि अगर ऐसी परिस्थिति हेमंत सोरेन के सामने आती है तो पत्नी कल्पना सोरेन की पॉलिटिकल लॉचिंग के लिए गांडेय विधानसभा सीट सुरक्षित है। झामुमो कभी भी ऐसी सीट का चयन नहीं करना चाहेगी, जहां परिस्थतियां अनुकूल न हों। चुंकि गांडेय आदिवासी व मुस्लिम बहुल मतदाताओं की सीट है, इसलिए कल्पना सोरेन को इस सीट पर उतारा जा सकता है। गांडेय सीट पर इसलिए भी रिस्क लिया जा सकता है क्योंकि वह अनुकूल है। इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा रहा है कि साल 2009 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिबू सोरेन ने कम प्रभाव वाली तमाड़ सीट पर चुनाव लड़ा था, चुनाव हार जाने की वजह से उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। इसलिए असुरक्षित सीट पर झामुमो कभी भी किस्मत नहीं आजमाएगी। साल 2014 को छोड़ दें तो गांडेय सीट पर 2005 में झामुमो, 2009 में कांग्रेस व 2019 में झामुमो का कब्जा रहा। 


बीजेपी-आजसू को एक साथ लड़ना होगा

माना जा रहा है कि झामुमो गठबंधन को रोकने के लिए भाजपा व आजसू को गांडेय सीट पर एकजुट होकर ताकत लगानी होगी।  2019 में भाजपा व आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस सीट पर आजसू के अर्जुन बैठा ने चुनाव लड़ा था। उन्हें 15361 वोट मिले थे, वहीं भाजपा प्रत्याशी जेपी वर्मा को 56168 वोट मिले थे। जबकि विजयी रहे सरफराज आलम को 65168 वोट मिले थे। इस तरह इस सीट पर भाजपा व आजसू के वोट को जोड़ें तो दोनों पार्टियों का वोट शेयर झामुमो के वोट शेयर से काफी अधिक था। तब बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से दिलीप वर्मा ने भी चुनाव लड़ 8952 वोट हासिल किया था। बाबूलाल मरांडी अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, इस सीट पर उनका भी प्रभाव रहा है।


सीएम ले रहे विधिक राय 
राजनीतिक जानकारों के बीच ऐसी चर्चा है कि चुनाव आयोग की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर दिए मंतव्य पर राजभवन निर्णय ले सकता है। वहीं ईडी सीएम के मामले में आगे क्या कदम उठाएगी ये भी चर्चा के केंद्र में है। पूरे मामले पर सीएम विधिक राय भी ले रहे हैं। इस सिलसिले में महाधिवक्ता समेत दिल्ली से आए एक वरीय अधिवक्ता के साथ भी उन्होंने विचार-विमर्श किया।