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वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ 13 अप्रैल को महाधरना: एस अली

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रांची
वक्फ अधिनियम 1995 में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों के खिलाफ 13 अप्रैल 2025 को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को पुरानी रांची स्थित बैंक्वेट हॉल में आमया संगठन की बैठक आयोजित की गई, जिसमें संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष एस. अली ने उक्त घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को बिना मुस्लिम समुदाय की सहमति और सुझाव के जल्दबाज़ी में लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवा लिया है। यह बिल न केवल धार्मिक स्वतंत्रता बल्कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के भी खिलाफ है। बैठक में हाईकोर्ट के अधिवक्ता शाकिल परवेज़ ने कहा कि देशभर में वक्फ संपत्तियां, जो मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, मजार, दरगाह, खानकाह, कब्रिस्तान, शैक्षणिक संस्थान आदि के रूप में वर्षों से मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई हैं, उनमें हस्तक्षेप की मंशा से संशोधन लाया गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड और ट्रिब्यूनल में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान इस हस्तक्षेप का हिस्सा है।


एस. अली ने बताया कि महाधरना में बिल का विरोध करने वाले राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों और प्रखंड पदाधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि वे अपने-अपने जिलों में भी उसी दिन धरना आयोजित करें।
इस मौके पर जियाउद्दीन अंसारी, मोहम्मद फुरकान, इमरान अंसारी, नौशाद आलम, रहमतुल्ला अंसारी, एकराम हुसैन, शाहिद अफरोज, फजलूल कदीर, अफताब आलम, अब्दुल बारी, जावेद अंसारी, सबदुल मलिक, अंजुम खान, सिद्दीक अंसारी, औरंगजेब आलम, अयूब अंसारी, फिरोज आलम, नसीम अंसारी, मोबीन अंसारी, सरफराज अहमद, तहमीद अंसारी, मंजूर अंसारी, अफसर आलम, असलम अंसारी, मोहम्मद सईद, इकराम अंसारी, अब्दुल बशीर, हारिश आलम, शाहबाज़ अहमद समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


 

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