द फॉलओप डेस्कः
सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के रुकावटें आ रही है। जिन्हें लगातार दूर किया जा रहा है। मंगलवार को भी मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री सीएम धामी पहुंचे और हालात का जायजा लिया। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। पिछले 16 दिनों से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का स्वास्थ्य ठीक है। लगातार पाइप के जरिए श्रमिकों को खाना पहुंचाया जा रहा है। आज उम्मीद जताई जा रही है सभी मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे।
सीएम ने खुद लिया जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा पहुंचे। उन्होंने श्रमिकों का हाल जाना। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लगभग 52 मीटर (मैन्युअल और बरमा मशीन ड्रिलिंग एक साथ) की गई है। उम्मीद है कि 57 मीटर के आसपास सफलता मिलेगी। उन्होंने कुछ देर पहले कहा कि 1 मीटर पाइप मेरे सामने धकेल दिया गया था, यदि 2 मीटर और चला गया तो ये लगभग 54 मीटर अंदर धकेल दिया जाएगा। उसके बाद, एक और पाइप का उपयोग किया जाएगा। पहले स्टील गार्डर मिल रहे खे, यह अब कम हो गया है। कंक्रीट मिल रहा है, इसे कटर से काटा जा रहा है।
सुबह से ड्रिलिंग शुरू
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर एक भ्रामक व असत्य खबर प्रसारित की जा रही है। बता दें कि रात भर में मैन्युअल ड्रिलिंग के जरिए 2 से 3 मीटर खोदा गया है। अब तक 50 मीटर से ज्यादा की ड्रिलिंग हो चुकी है। अगर कोई अड़चन सामने नहीं आई तो अगले 24 घंटे के भीतर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो सकता है। सुरंग के अंदर सुबह से मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 17वां दिन हैं. पिछले दो सप्ताह से निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ शुरू की गयी थी जो सोमवार को भी जारी रही।
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