द फॉलोअप डेस्क
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा आज रांची में केंद्र सरकार की 11 साल की उपलब्धियों को बताने पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने उन पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, "तिरंगे की आड़ में झूठ का जश्न बंद कीजिए स्मृति ईरानी जी, अमेरिका के आगे झुकने को जीत नहीं कहते बल्कि सरेंडर होना कहते है और प्रधानमंत्री जी सरेंडर हुए है। मैं आपको भाजपा की नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक टीवी सीरियल की हीरोइन के रूप में देखता हूं और इसमें आपकी भूमिका शानदार रही है। स्क्रिप्ट पढ़ने और संवाद बोलने में आपकी महारत को सलाम है, लेकिन झारखंड की धरती पर आकर भाजपा सरकार की झूठी स्क्रिप्ट दोहराने की जरूरत नहीं है।"
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, "झारखंड संघर्ष और हक की आवाज की धरती है, यहाँ अभिनय से नहीं, हकीकत से बात होती है। आपकी तथाकथित 'तिरंगा यात्रा', जो भाजपा पूरे देश में निकाल रही है वह एक मजाक नहीं तो और क्या है? कहने को ये पाकिस्तान पर 'जीत' का जश्न है, लेकिन सच्चाई यह है कि अमेरिका के दबाव में हमारी सरकार घुटनों पर आ गई और फिर भाजपा तिरंगा लेकर सड़कों पर उतर गई। पता नहीं, यह कैसी जीत है जहां कूटनीति की जगह समझौते और आत्मसम्मान की जगह दिखावा है।"
मंत्री इरफान अंसारी ने आगे कहा, "जब देश की जनता महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक नफरत से त्रस्त है, तब आप लोग ‘राष्ट्रवाद’ के नाम पर भ्रम और उत्सव फैला रहे हैं, ये घोर विडंबना है। सबसे गंभीर बात आज सुबह अमेरिका से जो वीडियो आया, वो देखकर मेरा कलेजा कांप गया। हमारे अपने भारतीय बच्चों को अमेरिकी पुलिस जिस बर्बरता से लात-घूंसों से मार रही है, क्या वो मानवता है? क्या ये वही 'विकसित भारत' है जिसकी डींगे आप लोग हांकते नहीं थकते? एक मां-बाप के दिल पर क्या गुजरती होगी जब उनका बेटा विदेशी जमीन पर पुलिस की क्रूरता का शिकार होता है, क्या आपने कभी सोचा है आपके भी औलाद होंगे। सोचिए, अगर आपके बेटे-बेटी के साथ ऐसी बर्बरता हो तो आप क्या महसूस करेंगी? क्या तब भी आप अपनी ही सरकार के गुणगान में जुटी रहेंगी?"
उन्होंने मांग करते हुए कहा, "मेरी आपसे मांग है कि आप झारखंड से वापस जाइए। अपने नेताओं से कहिए कि अमेरिका से बात करें, अपने नागरिकों की रक्षा करें, उन्हें वापस भारत लाएं। फिर आइए झारखंड, और फिर कीजिए प्रेस कॉन्फ्रेंस। इस समय झारखंड को आपकी स्क्रिप्टेड उपस्थिति की जरूरत नहीं है। हम झारखंडवासियों को अभिनय नहीं, कार्रवाई चाहिए। आपका रहन-सहन अमीरों वाला है, इसलिए मैं आपको एक्जीक्यूटिव क्लास का टिकट भिजवा रहा हूं ताकि आपके आराम में कोई खलल न पड़े। लेकिन जाते-जाते एक बात गांठ बांध लीजिए झारखंड को बख़्श दीजिए।"
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर हमारी भोली-भाली जनता को बेवकूफ बनाना बंद कीजिए। यहां की मिट्टी को राजनीति की रंगमंच समझने की भूल मत कीजिए। हमारे झारखंड की जनता अब सवाल पूछना जानती है। स्क्रिप्ट नहीं, हकीकत सुनना चाहती है।"