द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के गुमला से दिल को झकझोरने वाली एक तस्वीर सामने आयी है। इसमें गांव के कुछ लोग प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक महिला को बांस से टांगकर ले जाते नजर आ रहे हैं। इससे साफ पता चल चल रहा है कि सरकारें गांव और वहां के ग्रामीणों के हालात बदलने के लाख दावे कर लें। लेकिन आज भी गांवों की बदहाल स्थिति नहीं बदली है। इसका ताजा उदाहरण है गुमला के बेंदवा कोना गांव से सामने आयी यह तस्वीर, जो गांवों की हकीकत को बयां कर रही है। 3 किमी तक पगडंडी पर चलीं महिलाएं
बता दें कि गांव के राजकुमार सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो उनके परिवार वाले यह सोच कर सिहर गए कि प्रियंका को अस्पताल लेकर कैसे जाएं। इसका कारण था गांव में सड़क न होना। क्योंकि गांव में सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाती है। ऐसे में प्रसव पीड़ा से तड़पती प्रियंका को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव की महिलाओं ने उन्हें बांस में टांगा। फिर लगभग तीन किमी तक पगडंडी पर चलकर मुख्य सड़क तक गईं। यहां से एंबुलेंस बुलाकर उन्होंने प्रियंका को अस्पताल भिजवाया।
गांव में नहीं है बिजली-पानी की व्यवस्था
वहीं, इस मामले पर गांव के मुखिया बसु सोरेंग कहते हैं कि पगडंडियों पर चलना हमारी नियति बन गई है। उन्होंने बताया कि चुनाव के समय नेता गांव में आकर बड़े-बड़े दावे करते हैं। इसके बाद चमत्कार की आशा में गांववाले उन्हें वोट देते हैं। लेकिन फिर कुछ नहीं बदलता है। मुखिया बसु सोरेंग ने बताया कि बेंदवा कोना गांव में न तो बिजली है, न ही सड़क है। यहां लोगों के पास पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है, इस कारण लोग चुआं का पानी पीने के लिए विवश हैं। जब भी कोई बीमार पड़ता है, तो उसे मुख्य सड़क तक कंधे पर ढोकर ले जाना पड़ता है।