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कृषि मंत्री से मिले विधायक भूषण बाड़ा व विक्सल कोंगाड़ी, किसानों के हित मे रखी कई मांग

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द फॉलोअप डेस्क:
सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा व कोलेबिरा विधायक विक्सल कोंगाड़ी कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की। साथ ही जिले के किसानों के हित मे कई मांग रखी। दोनों विधायको ने कहा कि सिमडेगा जिला कृषि पर आधारित जिला है और यहाँ के लोग कृषि पर ही निर्भर रहते हैं। विधायको ने कहा कि जिले में किसान काफी गरीब हैं। उनके पास खेती करने के लिए भी पैसे नहीं है। इस कारण बहुत से किसान ट्रैक्टर से खेतों की जोताई नहीं कर पा रहे हैं। दोनों विधायकों ने कहा कि हल जोतने वाले मवेशी की कीमत बहुत ज्यादा है। एक जोड़ी हल जोतने वाले मवेशी की कीमत लाखों रुपये तक होती है। ऐसे में कई गरीब किसान हल जोतने वाले एक जोड़ी मवेशी की भी ख़रीदारी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अगर विभाग से किसानों को अनुदान पर हल जोतने वाले मवेशी का वितरण किया जाता तो गरीब किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। इस पर मंत्री ने भी हामी भरी। साथ ही कहा कि इसी वर्ष से किसानों के बीच अनुदान पर मवेशी का वितरण किया जाएगा। सरकार किसानों को लेकर काफी चिंतित है।

 

फसल राहत योजना के तहत सहायता राशि का हो जल्द वितरण

विधायक विक्सल कोंगाड़ी और विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि पिछले वर्ष सिमडेगा में भी बारिश कम हुई थी। लेकिन सिमडेगा जिला को सूखाग्रस्त घोषित नहीं होने से किसान खुद को काफी ठगा महसूस किया। विधायकों ने कहा कि सरकार फसल राहत योजना के तहत किसानों को सहायता राशि देने का प्रावधान लागू किया है। लेकिन आज तक जिले के किसानों को फसल राहत योजना के तहत किसानों को सहायता राशि नहीं दी गई। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि फसल राहत योजना के तहत सहायता राशि जिला को भेज दी गई है। बहुत जल्द राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। 

कृषि अधारित अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने की मांग

विधायकों ने जिले की कृषि अधारित अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने की भी मांग की। कहा कि यहाँ रोजगार के कोई अन्‍य साधन नहीं है। लोग कृषि पर ही आधारित रहते हैं। लेकिन सालों भर खेती करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। ग्रामीण मानसूनी खेती पर ही निर्भर रहते हैं। बताया कि बरसात में खेती कार्य खत्म करने के बाद ग्रामीणों को रोजगार के लिए कोई साधन नहीं मिल पाता है। नतीजन मजबूरी में किसान महानगरों की ओर काम की तलाश में पलायन करते हैं। जहां उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने विभाग द्वारा समय किसानों को निःशुल्क में खाद, बीज देने की व्यवस्था कराने की मांग की है.

 मडुआ की खेती से बदल सकती है किसानो की स्थिति

दोनों विधायक ने कृषि मंत्री से कहा कि जिले में मडुआ की खेती की अपार संभावनाएं है। पूर्व  के वर्षो में मडुआ की खेती प्रचुर मात्रा में करते भी थे। लेकिन हाल के दिनो में मडुआ का बाजार नहीं मिलने के कारण किसान मडुआ की खेती नहीं करना चाहते है। विधायको ने बताया कि ग्‍लोबल मार्केट में मडुआ के आटा की बेहद मांग है। डाईबिटीज, अर्थो आदि बीमारी में मडुआ बहुत फायदेमंद होता है। विधायको ने मंत्री से जिले में मडुआ की खेती करवाने और फसल के लिए बाजार उपल्‍ब्‍ध करवाने की मांग की है।

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