रांची:
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। हैरान करने वाली बात ये है कि मानसून सत्र की कार्यवाही समय पूर्व ही स्थगित कर दी गई। कहा जा रहा है कि सदन में बार-बार गतिरोध होने की वजह से स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने सत्र की कार्यवाही को समय से 1 दिन पहले ही स्थगित कर दिया। दरअसल, मानसून सत्र का समापन 5 अगस्त को होना था लेकिन 4 अगस्त को ही इसे स्थगित कर दिया गया। मानसून सत्र की शुरुआत 29 जुलाई को हुई थी।
29 जुलाई को हुई थी मानसून सत्र की शुरुआत
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत 29 जुलाई से हुई थी। पहले दिन से ही भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने झारखंड की अकाल प्रभावित घोषित करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया था। बीजेपी विधायक पूरे सत्र के दौरान झारखंड की अकाल प्रभावित घोषित करने की मांग तथा भ्रष्टाचार पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करते रहे। सोमवार को बीजेपी विधायकों ने वेल में जाकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से कई बार सदन को स्थगित भी करना पड़ा।
4 बीजेपी विधायकों को किया था निलंबित
मंगलवार को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने बीजेपी के 4 विधायकों, भानुप्रताप शाही, जेपी पटेल, रणधीर सिंह और ढुल्लू महतो को सदन से 4 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया था। बीजेपी विधायकों ने इसे लेकर भी जोरदार हंगामा किया। गुरुवार को तो भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर समानांतर सदन चलाया जिसमें भानुप्रताप शाही स्पीकर बने और बाकी बीजेपी विधायक सत्तापक्ष और विपक्ष में बंट गये। आरोप-प्रत्यारोप भी खूब हुआ।
मानसून सत्र के दौरान जनहित के कितने काम!
हालांकि, समय पूर्व स्थगित कर दिए गये मानसून सत्र के दौरान जनहित के कुछ मुद्दे भी उठे। झारखंड वस्तु एवं सेवा कर संसोधन विधेयक-2022 को सदन की स्वीकृति मिली। 3 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया।