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सिस्टम की लापरवाही ने ले ली बिरहोर नवजात की जान, 40 मिनट तक नहीं मिला रिम्स में बेड

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में बुधवार को एक बेहद दुखद और चिंताजनक घटना सामने आई, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज की आस लेकर आए परिजनों को सिर्फ निराशा हाथ लगी, और एक मासूम की जान चली गई। जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर से एक चार दिन के बिरहोर नवजात को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया था। बच्चा जन्म के समय से ही नहीं रोया था और उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। वह एंबुलेंस में ऑक्सीजन सपोर्ट पर था।

दोपहर लगभग डेढ़ बजे बच्चे को रिम्स की सेंट्रल इमरजेंसी में लाया गया। यहां मौजूद कर्मियों ने परिजनों को पीडियाट्रिक वार्ड जाकर बेड की उपलब्धता पूछने की सलाह दी। परिजन जब बेड की जानकारी लेकर लौटे, तब जाकर बच्चे को एंबुलेंस से पीडियाट्रिक वार्ड ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बच्चे की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि गंभीर हालत के बावजूद करीब 40 मिनट तक बच्चे को बेड नहीं मिला, और उसे समय पर इलाज नहीं मिल सका। परिजनों का कहना है कि यदि डॉक्टर और स्टाफ समय पर स्थिति की गंभीरता को समझते और तत्परता दिखाते, तो संभवतः बच्चे की जान बच सकती थी।