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निशिकांत दुबे को हाईकोर्ट से झटका, जिला प्रशासन के आदेश को ठहराया सही

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द फॉलोअप डेस्कः 
देवघर में शिव बारात निकालने के मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर निर्णय सुना दिया है। कोर्ट ने जिला प्रशासन के बनाए नियम को सही माना है। कहा है कि देवघर में परंपरागत रूट से ही शिव बारात निकली जाए। अदालत ने कहा कि जिला प्रशासन को यह अधिकार है जो विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपने स्तर से निर्णय लें. कोर्ट ने याचिका पर कहा कि इस तरह के निर्णय पर किसी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है और मामले को निष्पादित कर दिया गया है। बता दें निशिकांत दुबे ने शिव बारात निकालने को लेकर लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई थी। आज की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में हुई। बता दें कि प्रशासन ने शिव बारात की झांकी में हाथी घोड़ा शामिल नहीं करने, झांकी की अधिकतम ऊंचाई 12 फीट करने और रूट को भी परिवर्तित किया है। 

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आस्था के साथ खिलवाड़ा का आरोप 
इसके बाद ही निशिकांत दुबे ने याचिका दाखिल कर कहा था कि यह शिव बारात निकालने की परंपरा देवघर में सालों से रही है इसके बाद भी देवघर एसडीओ ने उसी दिन धारा 144 लागू कर दी है। इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जब तक यह साफ नहीं हो जाए कि उस क्षेत्र में शांति भंग होने की संभावना, तब तक 144 नहीं लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर यह आदेश लागू किया है।

इसलिए इसे निरस्त किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि  जिला प्रशासन ने बिना आयोजन समिति के सहमति से ही रूट तय कर दिया है। जिस मार्ग को जिला प्रशासन तय किया है उसका सड़क काफी संकरा है। इससे शिव बारात निकालने में परेशानी होगी। जब ऐसे सांस्कृतिक जुलूस निकाले जाते हैं तो दूसरे मार्ग में बदलाव किया जाता है, जबकि जिला प्रशासन ने शिव बारात के मार्ग में ही बदलाव कर दिया है। जानबूझकर जिला प्रशासन ने ऐसा निर्णय लिया है। आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सांसद ने अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था।