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रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव, एयरपोर्ट से भारी सुरक्षा के बीच निकाला गया बाहर

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द फॉलोअप डेस्कः 
पिछले 8 सालों से कोयला कारोबारियों के बीच दहशत का पर्याय रहा गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव आखिरकार एटीएस की गिरफ्त में है। झारखंड एटीएस की टीम अमन श्रीवास्तव को लेकर रांची पहुंच गई है। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर भारी सुरक्षा के बीच उसे बाहर निकाला गया है। एयरपोर्ट के बाहर किसी भी पैसेंजर को रुकने नहीं दिया जा रहा है। अमन का चेहरा ढक कर उसे निकाला गया है। बता दें कि मुंबई से सोमवार को अमन को गिरफ्तार किया गया था। मालूम हो कि अमन श्रीवास्तव की तूती झारखंड के हर कोयला बेल्ट में बोलती थी। उसका एक फोन किसी भी कोयला कारोबारी के लिए दहशत भरा होता था। 


महाराष्ट्र ATS का मिला सहयोग 
पिछले 8 सालों से झारखंड पुलिस अमन को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी लेकिन वह हर बार चकमा देकर निकल जाता था। आखिरकार महाराष्ट्र एटीएस के सहयोग से वह मुंबई में पकड़ा गया। अमन की गिरफ्तारी में झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही। संजय लाटकर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। इसलिए महाराष्ट्र एटीएस से जिस भी तरह के सहयोग की जरूरत पड़ी वहां से की गई। अमन काफी समय से मुंबई में ही रह रहा था। वह इतना शातिर था कि पकड़ में ही नहीं आ रहा था। वह लगातार अपने लोकेशन और फोन नंबर को बदलता रहता था। हालांकि झारखंड एटीएस की टीम को यह जानकारी मिल गई थी कि सबसे ज्यादा आने जाने के लिए अमन श्रीवास्तव मुंबई के वाशी रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल करता है।

23 मामले दर्ज हैं अमन के खिलाफ 

पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को प्रेस कांन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि 7-8 सालों से आतंक का पर्याय रहा गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव कुल 23 जघन्य अपराध घटनाओं में वांछित था। जिसमें हत्या के दो, हत्या के प्रयास का 4, रंगदारी के 13, आर्म्स एक्ट के दो, यूएपी एक्ट का भी एक कांड शामिल है। इसके अतिरिक्त अमन श्रीवास्ताव गैंग के विरुद्ध राज्य के अन्य जिलों में और भी कई कांड दर्ज है। गैंगस्टर अमन राज्य के कोयला उत्खनन क्षेत्र एवं विकास योजनाओं में कार्यरत कंपनियों एवं कारोबारियों के बीच भय का आतंक का माहौल बनाकर रंगदारी की मांग करता था। रंगदारी के लिए फायरिंग एवं अन्य घटना को अंजाम देता था। इसके कृत्य से व्यवस्सायी एवं आम जनता के बीच भय का माहौल बना रहता था। 


दूसरे राज्यों से चला रहा था गिरोह
तकनीकी रूप से दक्ष अमन श्रीवास्तव अन्य राज्यों तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात एवं मध्य प्रदेश में ठिकाना बना कर अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस लगातार प्रयासरत थी। इसके कांड को देखते हुए पुलिस मुख्यालय झारखंड की तरफ से इसकी गिरफ्तारी की जिम्मेवारी मुख्य रूप से एटीएस झारखंड को दी गई थी। एटीएस झारखंड द्वारा अपराधी की गिरफ्तारी के लिए पिछले कई सालों से उसकी गतिविधि का विश्लेषण करने के बाद उसके मुंबई में होने सूत्र मिलने के बाद झारखंड एटीएस की टीम को मुंबई भेजी गई। जहां महाराष्ट्र एटीएस के सहयोग से कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को 15 मई की शाम को गिरफ्तार किया गया। कल उसे मुंबई न्यायालय के सामने पेश किया गया। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे रांची लाया गया। 

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