द फॉलोअप डेस्क
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चाईबासा के पताहातू गांव में एक विशेष पहल के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने स्वयं अपने हाथों से पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
यह कार्यक्रम आदिवासी समाज की उस जीवंत परंपरा का प्रतीक था, जिसमें जल, जंगल और जमीन को जीवन का आधार माना जाता है। इस अवसर पर मधु कोड़ा ने कहा कि प्रकृति हमारी मां है। जब तक हम उसकी रक्षा नहीं करेंगे, तब तक आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित नहीं होगा। वहीं, गीता कोड़ा ने अपनी मां के नाम पर वृक्ष लगाया और कहा कि मां सिर्फ जन्म देने वाली नहीं, बल्कि वह धरती भी है जो हमें पालती है।
इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया, वृक्षारोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई और यह संकल्प लिया गया कि हर व्यक्ति वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगायेगा। यह पहल न सिर्फ पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी भावनाओं की भी अभिव्यक्ति है।