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झारखंड से यूपी और पंजाब पहुंचा रहे थे अफीम, अंतरराज्यीय गिरोह के 3 युवक धराए

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द फॉलोअप डेस्कः
ATS ने अफीम की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। गिरफ्तार तस्करों में खूंटी के राम सिंह मुंडा, चतरा के विरेंद्र दांगी और हटिया निवासी राजकुमार साव उर्फ छोटू शामिल हैं। इन तस्करों के पास से एटीएस ने पांच किलो अफीम बरामद किया है। साध  33 हजार नकद रुपए व बाइक जब्त की है। गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है। एटीएस को पूछताछ में पता चल है कि इस गिरोह के तार उत्तर प्रदेश और पंजाब से जुड़े हैं। गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोग शामिल है। एटीएस एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि खूंटी थाना क्षेत्र में इनके द्वारा अफीम की तस्करी करने की सूचना मिली। जिसके बाद एक टीम बनाया गया।


आरोपियों के पास से अफीम बरामद 
टीम ने बुधवार को खूंटी-मुरहू स्थित एमएस माइल इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास तीन लोगों को छापेमारी कर पकड़ा। पूछताछ में तस्करों ने पुलिस को बताया कि वे अफीम की तस्करी करने के लिए जा रहे थे। एटीएस को यह भी जानकारी मिली कि गिरोह के कई सदस्य खूंटी में हैं। जिसकी तलाश में एटीएस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य गांव में घूम-घूमकर सस्ती कीमत में अफीम इकट्ठा करते हैं। इसके बाद अफीम पंजाब और यूपी भेज देते हैं। 


गिरोह के एक सदस्य को पहले भी सजा हो चुकी है
अधिकारियों ने बताया कि तस्कर अगर खुद पंजाब व यूपी अफीम पहुंचाते हैं तो वे लोगों से दोगुनी कीमत लेते हैं। खूंटी में आकर अफीम खरीदने वालों को डेढ़ लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से उन्हें देते हैं। स्कर कई बार हजारीबाग तक अफीम भेज देते हैं, वहां से गिरोह के अन्य सदस्य यूपी तक अफीम पहुंचा देते हैं। गिरफ्तार विरेंद्र दांगी को अफीम की तस्करी करने पर दस साल की सजा हुई थी। सजा काटने के बाद विरेंद्र जेल से हाल के दिनों में ही बाहर निकला था। इसके बाद वह गिरोह में फिर से शामिल हो गया और अफीम की तस्करी में जुड़ गया।

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