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बाल विवाह और महिला हिंसा के खिलाफ एक दिवसीय राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

बाल विवाह और महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने की रणनीति बनाने के लिए एक दिवसीय राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन किया गया। झारखण्ड राज्य बाल संरक्षण संस्था के उपसचिव विकास कुमार ने कहा कि बाल विवाह का समापन परिवार, समाज और देश के विकास के लिए जरूरी है। यह घर से प्रारंभ होकर पूरे समाज को प्रभावित करता है। सरकार बाल विवाह के समापन के लिए प्रयासरत है लेकिन इसके लिए सरकार के विभिन्न विभागों और सामाजिक संथाओं का सम्मिलित निरंतर प्रयास जरूरी है। शिक्षा, जागरूकता एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं से चिन्हित परिवारों को जोड़कर बाल विवाह का निवारण संभव है।  

यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ प्रीति श्रीवास्तव ने विषय प्रवेश कराते हुए बताया कि बाल विवाह और महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा के लिए अंतर्विभागीय समन्वय एवं सरकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास पर बल दिया। झारखण्ड देश में बाल विवाह के मामले में देश में चौथे स्थान पर है। बाल विवाह राज्य 12 जिलों, जामताड़ा, देवघर, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, कोडरमा, पाकुड़, पलामू, साहिबगंज, पश्चिमी सिंहभूम में ज्यादा है। ऐसे जिलों में जिला प्रशासन एवं को झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था के सहयोग से बाल संरक्षण तंत्र को सशक्त करने के लिए, बाल विवाह, बच्चों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की दर में कमी में तेजी लाने और किशोर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए "संपर्क" कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है।

कार्यक्रम में झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर पूर्णिमा मुखर्जी ने कहा कि यूनिसेफ के साथ साझा प्रयास से विगत तीन वर्षों में आठ जिलों में बाल सुरक्षा और महिलाओं तथा बच्चो के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने का जो प्रयास किया गया उसके सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसलिए इस कार्यक्रम को अब प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। कार्यक्रम में झारखण्ड राज्य बाल संरक्षण संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक, कार्यक्रम पदाधिकारी, स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के जिला परियोजना समन्वयक, जिला प्रबंधक, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, बाल संरक्षण कार्यक्रम पदाधिकारी, जेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल सर्विसेस के राज्य परियोजना प्रबंधक, जिला परियोजना पदाधिकार, यूनिसेफ़ के परामर्शियों आदि ने भाग लिया।

 

Tags - child marriage and violence against womenawareness program