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CCL पर फर्जी लोक जनसुनवाई करने का विस्थापितों ने लगाया आरोप, सचिव बोले- एक सप्ताह में करेंगे कार्रवाई!

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द फॉॉलोअप डेस्कः 
हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखंड के पचड़ा गांव के लोगों ने रांची के प्रदूषण नियंत्रण पर्षद कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के नेतृत्व में पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों ने कहा कि 21 फ़रवरी 2023 को सीसीएल के चन्द्रगुप्त कॉल परियोजना के तहत हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखंड में लोक जन सुनवाई आयोजित की गई थी जो विस्थापित होने वाले गांव से काफी दूर की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस लोक जन सुनवाई में विस्थापित होने वाले गांव के 75 प्रतिशत ग्रामीण मौजूद नहीं थे। ग्रामीणों ने इससे जुड़ा एक मांग पत्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव को सौंपा। साथ ही कहा कि एक सप्ताह के अंदर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता तो वे यहीं अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ जाएंगे। इधर सचिव ने फॉलोअप से बात करते हुए कहा कि ग्रामीणों का आवेदन पत्र ले लिया गया है। जल्द ही इस पर विभागीय कार्रवाही की जाएगी। 


बैठक हुई थी सोमवार 
बता दें कि विस्थापितों ने सोमवार को इस मसले पर बैठक भी की थी। इसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री योगेंद्र साव शामिल हुए थे। योगेंद्र साव ने कहा है कि रैयतों की मांगो को पूरा करने के लिए ग्रामीणों की सहायता से विस्थापन की लड़ाई लड़ी जाएगी। ग्रामीणों को उचित हक एवं अधिकार दिलाया जाएगा। ग्रामीणों को एकजुट होकर ये लड़ाई लड़नी होगी। तभी कंपनी से लोगों को उचित हक, अधिकार मिल पाएगा। पूर्व मंत्री एवं समस्त ग्रामीणों ने विगत दिनों हुए ग्राम सभा व पर्यावरणीय लोक सुनवाई को रद्द करने एवं जमीन का नया सर्किल रेट तय करते हुए वर्तमान दर पर मुआवजा 2013 भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत करने की मांग की। 


हाईकोर्ट भी जाने को तैयार 
ग्रामीणों ने कह दिया है कि जब तक नया सर्किल रेट जब तक तय नहीं होता है तब तक 1 इंच भूमि नहीं दिया जाएगा। अगर इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाना पड़ा तो हाईकोर्ट भी जाएंगे। बता दें कि नया सर्किल रेट तय होने से करोड़ों रुपए जमीन का मुआवजा लोगों को मिलेगा एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का लाभ संबंधित क्षेत्र के भू रैयत को प्राप्त होगा।