logo

गुहार : 3 साल पहले सड़क दुर्घटना में गंवाया पैर, पैसों के अभाव में इलाज को तरसे पलामू के अमरनाथ

A241.jpg

पलामू: 

पलामू जिला के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्त देवरी कला पंचायत में रहने वाले अमरनाथ प्रसाद अपने पैरों के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। दरअसल, अमरनाथ प्रसाद 3 साल पहले एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। घटना में उनके बाएं पैर पर गंभीर चोट लगी थी। अमरनाथ को सही इलाज नहीं मिल पाया और हालात ऐसे हैं कि उनका बायां पैर तकरीबन बेकार हो चुका है।

 

पुलिस ने मामला रफा-दफा कर दिया! 
पीड़ित अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि 3 साल पहले जिस गाड़ी से उनको चोट लगी थी, पुलिस ने उनसे पैसा लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। सही इलाज नहीं मिल पाने की वजह से पैर बेकार हो गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेदिनीनगर में उनकी संपत्ति उनके भाइयों ने हड़प ली। घर नहीं था, इसलिए शादी नहीं की। बताया कि कुछ साल पहले वे देवरी जपला सीमेंट फैक्ट्री में मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करते थे लेकिन दुर्घटना में पैर गंवाने के बाद नौकरी भी चली गई। 

वाहन मालिक ने भी नहीं दिया मुआवजा
पीड़ित ने बताया कि जिस वाहन से उनको धक्का लगा, उस वाहन के मालिक के पिता सरकारी टीचर हैं। वाहन का मालिक उपेंद्र मेहता खुद बीज का व्यवसाय करता है। बावजूद इसके उनको कोई मुआवजा या इलाज की सुविधा नहीं मिली। सरकारी मदद भी नहीं मिली। जनप्रतिनिधियों ने भी साथ नहीं दिया। अमरनाथ प्रसाद का आरोप है कि उनको किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा, जैसे कि पेंशन, राशन या आवास नहीं मिला। उनका मतदाता पहचान पत्र भी गुम हो चुका है। 

इलाज के लिए सरकारी सहायता चाहिए
अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि फिलहाल उनको मुस्लिम समुदाय के नैय्यर बेग नाम के व्यक्ति ने आसरा दिया है। उनको वहां सिर छुपाने और रहने की जगह मिल गई है। भोजन का इंतजाम भी हो जाता है लेकिन पैरों के इलाज के लिए बहुत पैसा चाहिए। वे कोई काम भी नहीं कर पाते। उनका कहना है कि यदि सरकारी सहायता मिल जाती तो पैरों का इलाज हो जाता। पैर ठीक हो जाते तो मैं काम करने लायक बन जाता। खुद से कमाकर अपना भऱण-पोषण कर पाता।