द फॉलोअप डेस्क
नीट पेपर लीक मामले की पूरी कहानी सामने आ गई है। सीबीआई ने सिलसिलेवार तरीके से बता दिया है कि आखिर नीट यूजी पेपर लीक कांड कैसे हुआ था। नीट पेपर लीक कांड की शुरुआत झारखंड के हजारीबाग से हुई। हजारीबाग के ओएसीस स्कूल से ही इस पूरे कांड की शुरुआत हुई है। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें से 15 को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि, सीबीआई ने कुल 33 जगहों पर छापामारी कर 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही सीबीआई ने कहा कि कुछ मीडिया अनुमान के आधार पर गलत खबरें प्रकाशित कर रहा है। इससे समाज में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। यह समाज के लिए हानिकारक होता है।
ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाधार्य ने बनाया था रास्ता
सीबीआई जांच के मुताबिक, नीट का प्रश्न पत्र 5 मई 2024 की सुबह हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से सब जगह फैला था। नीट के प्रश्न पत्र को पंकज कुमार उर्फ आदित्य उर्फ साहिल ने स्कूल से अवैध रूप से प्राप्त किया था। यह नीट पेपर लीक के कई मास्टरमाइंड में से एक है। सीबीआई जांच के मुताबिक, नीट पेपर लीक का सूत्रधार पंकज कुमार है। प्रश्नपत्र लीक के सूत्रधार पंकज कुमार ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाधार्य के साथ सांठगांठ कर पांच मई 2024 को परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले प्रश्न पत्र हासिल किया। उसने इन प्रश्न पत्रों को सॉल्व कर उन उम्मीदवारों को भेजा जिन्होंने पैसे दिए थे।
कंट्रोल रूम से निकाला गया था प्रश्नपत्र
सीबीआई के मुताबिक, नीट यूजी 2024 प्रश्न पत्रों वाले बक्सों को स्कूल में लाया गया और 5 मई 2024 की सुबह कंट्रोल रूम में रखा गया। बक्से पहुंचने के कुछ मिनटों ही बाद प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य ने अनधिकृत और अवैध रूप से सूत्रधार को उस कमरे में जाने की अनुमति दे दी, जहां बक्से रखे हुए थे।’ मास्टरमाइंड पंकज ने कमरे में पहुंच कर टूल के सहारे बक्से से प्रश्न पत्र निकाला। इसके बाद इस प्रश्नपत्र को हजारीबाग में बैठे सॉल्वर से सॉल्व कराया गया। हजारीबाग में सभी सॉल्वर को लाया गया था। हैरानी की बात यह है कि इस कांड में एमबीबीएस के कुछ स्टूडेंट्स शामिल हैं। इनकी पहचान कर ली गयी है और अधिसंख्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।