logo

सरकारी योजनाओं और बैंकों के फर्जी ऐप बनाकर लोगों से 11.34 करोड़ की ठगी, ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश 

pmm1.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड पुलिस ने संगठित साइबर अपराध करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 3 गिरिडीह और एक जामताड़ा का रहने वाला है। गिरफ्तार आरोपियों में गिरिडीह के मो. मेहबूब आलम, सफाउद्दीन अंसारी, मो.आरिफ अंसारी, मो.जसीम अंसारी, शेख बेलाल उर्फ डीके बॉस और जामताड़ा के अजय मंडल शामिल हैं। वहीं 2 अन्य आरोपियों के ठिकानों की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। 
साइबर ठगी के लिए बनाते थे फर्जी ऐप
गिरोह सरकारी योजनाओं और बैंकों के फर्जी ऐप बनाकर लोगों से ठगी करता था। इन अपराधियों ने अब तक 11.34 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की है और देशभर में 415 से ज्यादा मामलों में इनकी संलिप्तता पाई गई है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 14 मोबाइल फोन, 23 सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, 2 कार, एक डीएसएलआर कैमरा, एक ड्रोन कैमरा और 108800 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। 

ऐसे करते थे ठगी
पहले तो ये लोग पीएम किसान योजना, पीएम फसल बीमा योजना, एसबीआई, पीएनबी, कैनरा बैंक आदि के नाम पर ऐप तैयार करवाते थे। इसके बाद इन फर्जी ऐप्स के लिंक को लोगों को व्हाट्सऐप पर भेजते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति ऐप डाउनलोड करता था उसका मोबाइल हैक हो जाता। इसके बाद फोन के एसएमएस, कॉल फॉरवर्डिंग और ओटीपी के जरिए बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे। ये गिरोह 20-25 हजार रुपये में अन्य साइबर अपराधियों को फर्जी ऐप्स बेचता था।
गिरोह के 3 सदस्य ‘डीके बॉस’ नाम से कर रहे थे ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के 3 सदस्य "डीके बॉस" नाम से काम कर रहे थे। इनके बनाए 100 से अधिक फर्जी मोबाइल ऐप्स साइबर अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय थे। पुलिस को एक फर्जी सेंट्रल पैनल भी मिला, जो हजारों पीड़ितों के एसएमएस ट्रैक कर सकता था। पुलिस जांच में इस गिरोह के पास से 2700 से अधिक पीड़ितों का डाटा मिला। इनमें 2.78 लाख एसएमएस, बैंक ओटीपी, व्हाट्सऐप लॉगिन ओटीपी और ट्रांजेक्शन मैसेज शामिल हैं। इसके साथ ही गिरोह के मोबाइल फोन में पीएनबी के 2000 और कैनरा बैंक के 500 ग्राहकों का डाटा मिला। इसका इस्तेमाल बैंक अकाउंट से ठगी करने के लिए किया जाता था।

ट्रेनी आईपीएस अफसरों की मेहनत से पकड़े गए आरोपी
झारखंड पुलिस ने साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए ट्रेनी आईपीएस राघवेंद्र शर्मा और चंद्रशेखर को इस गिरोह की जांच सौंपी थी। एक महीने की कड़ी निगरानी के बाद, टीम ने इस हाई-टेक साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश कर 6 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और पुलिस आगे की जांच में जुटी है। 


 

Tags - Jharkhand News Jharkhand Hindi News Giridih Jamtara Cyber ​​Fraud